राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार अंसार करीब तीन माह पहले जहांगीरपुरी में बजरंग दल द्वारा आयोजित की जा रही हनुमान चालीसा के पाठ को बंद करने की धमकी दे चुका है। हिंसा के दौरान शोभायात्रा निकाल रहे लोगों ने उससे कहा था कि लोग निहत्थे हैं इन्हें मत मारो, तो उसने कहा कि जो किया वो भुगतना पड़ेगा। इसके बाद हजारों की संख्या में उन्मादी भीड़ ने हमला कर दिया।
हिंसा के दौरान तलवार के हमले से गंभीर रूप से घायल उमाशंकर दुबे कहते है कि अंसार से हमला रुकवाने के लिए कहा गया, लेकिन वह भीड़ को और उकसाता रहा। उमाशंकर हनुमान जन्मोत्सव पर निकाली गई शोभायात्रा में शामिल थे। हिंसा करीब शाम साढ़े पांच बजे शुरू हुई। शुरुआत में 70-80 लोग विरोध कर रहे थे। उसके बाद भीड़ बढ़ती गई। अचानक छत से पत्थर और बोतलें फेंकी जाने लगीं।
उन्होंने बताया कि अंसार उस वक्त 60-70 लोगों के साथ सी ब्लाक में मस्जिद के सामने मौजूद था। ये लोग कह रहे थे कि शोभायात्रा निकालने वालों को छोड़ना मत, जाने मत देना।
पहले कर रखी थी हमले की तैयारी
उमाशंकर के मुताबिक, अंसार से कहा कि ये लोग निहत्थे हैं, इन्हें मत मारना। इस पर अंसार ने कहा जो किया वो भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि दो से तीन महीने पहले बजरंग दल की हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान जहांगीरपुरी में अंसार ने कार्यकर्ताओं को धमकी दी थी। उसने कहा था कि ये सब करना बंद कर दो, नहीं तो अंजाम बुरा होगा। उन्होंने बताया कि हिंसा के दौरान लोग मुन्ना बंगाली, आरिफ, रफी और आलम के नाम भी ले रहे थे। बाहर से भी लोगों को बुलाया गया था। हमला करने वाले सभी बंगाली भाषा बोल रहे थे।
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छतों से केमिकल से भरी बोतलें फेंकी
उमाशंकर दुबे ने बताया कि हिंसा के दौरान किसी ने उनके गले पर तलवार से हमला कर दिया। वे लोगों को बचाने के लिए गलियों में घुस गए। इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे। केमिकल से भरी बोतलें फेंकी जाने लगीं। कई राउंड फायरिंग भी की गई। इस बीच भारी संख्या में पुलिसकर्मी आए जिसके बाद मामला थोड़ा शांत हुआ।