उद्घाटन के साथ ही लखनऊ स्थित लुलु मॉल अब विवादों में आ गया है। लुलु मॉल मैं नमाज पढ़ते कुछ लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसके बाद से लगातार लुलु मॉल को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी सवाल किए जा रहे हैं। दरअसल, योगी आदित्यनाथ में रविवार को लखनऊ के लुलु मॉल का उद्घाटन किया था। लुलु मॉल को उत्तर भारत के सबसे बड़े मॉल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। लुलु मॉल विवाद पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का भी ट्वीट आ गया है। अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा है कि साजिशों की राजनीति होगी तो निवेश कैसे आएगा।
अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि व्यावसायिक गतिविधियाँ यदि षड्यंत्रों और साज़िशों की राजनीति का शिकार होने लगेंगी तो निवेश करने कौन आएगा। दरअसल, लुलु मॉल अपने परिसर के अंदर कथित रूप से नमाज पढ़ने देने और सिर्फ मुसलमानों को ही नौकरी देने को लेकर विवाद में आ गया है। यह विवाद टोपी पहने कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से लुलु मॉल के अंदर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद पैदा हुआ। मामला गर्म हुआ तो मॉल प्रबंधन की ओर से इस को लेकर शिकायत की गई है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने नमाज पढ़ने के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। मॉल प्रबंधन का दावा है कि नमाज पढ़ने वाले लोग अज्ञात थे। उनका कोई भी स्टाफ नमाजियों में शामिल नहीं था। पुलिस ने भी अज्ञात युवकों पर इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है।
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लुलु मॉल के महाप्रबंधक समीर वर्मा ने एक वीडियो जारी कर कहा लुलु मॉल सभी धर्मों का आदर करता है। मॉल के अंदर किसी भी तरह का धार्मिक कार्य या इबादत की इजाजत नहीं है। हम अपने स्टाफ तथा सुरक्षा कर्मियों को ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने का प्रशिक्षण देते हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान सुशांत गोल्फ सिटी थाने के कुछ पुलिसकर्मी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लुलु मॉल के बाहर पहुंचे। उसके बाद शिशिर चतुर्वेदी और संगठन के अन्य लोगों ने थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया मॉल के अंदर नमाज पढ़ी गई जो कि सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होने संबंधी नीति के खिलाफ है।