नई दिल्ली। बांग्लादेश की राजनीति और छात्र आंदोलनों से जुड़ा एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। साल 2024 के चर्चित छात्र आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी का गुरुवार 18 दिसंबर 2025 को निधन हो गया। सिंगापुर सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, उन पर हुए जानलेवा हमले में आई गंभीर चोटों के चलते उनकी मौत हुई। इस खबर के बाद बांग्लादेश में शोक के साथ-साथ तनाव का माहौल बन गया है।
जानकारी के अनुसार, 15 दिसंबर 2025 को गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था। उन्हें सिंगापुर जनरल अस्पताल की न्यूरोसर्जिकल आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज से जुड़े विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। कई दिन तक चले इलाज के बावजूद उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और अंततः 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
कौन थे शरीफ उस्मान हादी
शरीफ उस्मान हादी, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना विरोधी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के प्रमुख चेहरे और प्रवक्ता के रूप में जाने जाते थे। वह आगामी फरवरी में होने वाले चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर भी सक्रिय रूप से प्रचार कर रहे थे। जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान इंकलाब मंच राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया था। इस मंच ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे, जिससे बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल मच गई थी।
साधारण परिवार से सियासत तक का सफर
हादी का जन्म बांग्लादेश के झलकाठी जिले में हुआ था। उनका परिवार साधारण और धार्मिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखता था। उनके पिता एक मदरसा शिक्षक थे, जिनसे हादी को अनुशासन और नैतिक मूल्यों की सीख मिली। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नेसराबाद कामिल मदरसा से पूरी की थी।
इंकलाब मंच और उससे जुड़े विवाद
इंकलाब मंच को लेकर बांग्लादेश की राजनीति में लगातार विवाद होते रहे हैं। कई बार इस संगठन पर कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़े होने के आरोप लगे। छात्र आंदोलन के बाद बनी अंतरिम सरकार ने इस मंच को भंग कर दिया था और चुनाव में भाग लेने से भी रोक लगा दी थी, हालांकि संगठन से जुड़े नेता राजनीतिक रूप से सक्रिय बने रहे।
दिनदहाड़े हमला, सिर में लगी गोली
12 दिसंबर 2025 को ढाका के पलटन इलाके के कल्वरट रोड पर शरीफ उस्मान हादी पर दिनदहाड़े हमला किया गया था। वह ऑटो रिक्शा से जा रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर गोली चला दी, जो सीधे उनके सिर में लगी। गंभीर हालत में उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल और फिर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति नाजुक होने पर डॉक्टरों की सलाह से उन्हें सिंगापुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। हादी की मौत ने बांग्लादेश की राजनीति और छात्र संगठनों को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है।
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