विजयंत खंड मिनी स्टेडियम में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का अड्डा बना, प्रभारी अधिकारी पर गंभीर आरोप

विजयंत खंड मिनी स्टेडियम में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का अड्डा बना, प्रभारी अधिकारी पर गंभीर आरोप

लखनऊ। विजयंत खंड मिनी स्टेडियम में इन दिनों भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां के प्रभारी अधिकारी अरविंद कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने लगभग एक दर्जन से ज्यादा लोगों से विभिन्न खेलों के नाम पर शुल्क अपने निजी अकाउंट में ऑनलाइन जमा कराया है।

बताया जा रहा है कि बैडमिंटन के पूरे साल की निर्धारित फीस ₹3800 है, लेकिन प्रभारी अधिकारी द्वारा तथाकथित नए नियमों का हवाला देकर लोगों से ₹4800 वसूले गए। यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि खिलाड़ियों की मेहनत की खुली लूट भी है।

स्टेडियम की स्थिति भी बेहद दयनीय है। यहां पीने के पानी की सुविधा नहीं है, चारों तरफ गंदगी फैली हुई है और जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। गंदे पानी का जमाव मच्छरों को पनपने का कारण बन रहा है, जिससे खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।

शिकायतों के बावजूद प्रभारी अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती। स्टेडियम के शौचालयों में ताले लगे रहते हैं, जिससे खिलाड़ियों और आगंतुकों को भारी असुविधा होती है। इतना ही नहीं, अरविंद कुशवाहा सप्ताह में तीन-चार दिन स्टेडियम में अनुपस्थित रहते हैं, और जब आते भी हैं तो मुश्किल से एक घंटे के लिए।

खिलाड़ियों से अतिरिक्त शुल्क वसूलने और बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने उजागर की प्रशासनिक लापरवाही

गौरतलब है कि इससे पूर्व यहां रंजीत राज प्रभारी अधिकारी थे, जिन पर भी अभद्रता और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके चलते उनका स्थानांतरण चौक स्टेडियम कर दिया गया था। उनके स्थान पर आए अरविंद कुशवाहा से उम्मीद की जा रही थी कि वे सुधार लाएंगे, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

लोगों का कहना है कि इन अधिकारियों को ऊपर से संरक्षण प्राप्त है, इसलिए इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। खिलाड़ियों और अभिभावकों ने उच्च अधिकारियों से मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और स्टेडियम में मूलभूत सुविधाओं की बहाली सुनिश्चित की जाए।