महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगी दलों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना के बीच विभागों के बंटवारे पर बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। हालांकि, शिवसेना कथित तौर पर गृह समेत प्रमुख मंत्रालयों पर अड़ी हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा गृह और शहरी विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के हिस्से के केवल दो से तीन मंत्रालय ही सहयोगी दलों को दिए जा सकते हैं। सूत्रों ने दावा किया कि भगवा पार्टी केवल राजस्व, आवास और पीडब्ल्यूडी मंत्रालय ही शिवसेना और एनसीपी को देने पर सहमत हुई है।
राजस्व और पीडब्ल्यूडी शिवसेना के पास जा सकते हैं। शिंदे शहरी विकास चाहते हैं। अगर शिंदे सहमत नहीं होते हैं तो शहरी विकास शिवसेना के पास रहेगा और राजस्व भाजपा के पास।
भाजपा के कोटे में जा सकते हैं ये मंत्रालय
गृह, शहरी विकास, राजस्व (दोनों में से एक), कानून और न्यायपालिका, सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास-बिजली, ऊर्जा, लोक निर्माण, पर्यावरण, वन, आदिवासी जैसे सभी प्रमुख मंत्रालय भाजपा के पास रह सकते हैं
शिवसेना को मिल सकते हैं ये विभाग
शिवसेना के पास राजस्व-शहरी विकास (दोनों में से एक), लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी), श्रम, स्कूल शिक्षा, राज्य उत्पाद शुल्क, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता और परिवहन मंत्रालय होने की संभावना है।
एनसीपी को मिल सकते हैं ये मंत्रालय
एनसीपी के पास वित्त एवं योजना, आवास, चिकित्सा शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, महिला एवं बाल कल्याण, राहत एवं पुनर्वास, खाद्य एवं औषधि प्रशासन जैसे विभाग बरकरार रहने की संभावना है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। मंत्रिमंडल का विस्तार अगले दो दिनों में किया जा सकता है।
पिछली सरकार में मंत्री रहे भाजपा और शिवसेना के कुछ मंत्रियों को हटाया जा सकता है जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
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पोर्टफोलियो आवंटन
- भाजपा को मिल सकते हैं 20/21 मंत्रालय
- शिवसेना – 12/13
- एनसीपी – 9/10