उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा दीपावली के अवसर पर माटीकला शिल्पकारों के उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए आगामी 05 से 14 नवम्बर तक 10 दिवसीय माटीकला मेला आयोजित किया जाएगा। डालीबाग स्थित खादी भवन में आयोजित होने वाले इस भव्य मेले में विभिन्न जनपदों के उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों का क्रियात्मक (लाइव) प्रदर्शन भी किया जायेगा। मेले का मुख्य उद्देश्य दूर-दराज के हस्तशिल्पियों की उत्कृष्ट कलाकृतियों को एक मंच पर लाकर बड़ा बाजार मुहैया कराना है। यह जानकारी अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डॉ नवनीत सहगल ने सोमवार को दी।
डॉ नवनीत सहगल ने दी ये जानकारी
डॉ नवनीत सहगल ने बताया कि माटीकला मेला में गोरखपुर के टोराकोटा, आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, खुर्जा के मिट्टी के बर्तन सहित लखनऊ, कुशीनगर, मिर्जापुर, चंदौली, उन्नाव, बलिया, कानपुर, पीलीभीत, प्रयागराज, वाराणसी और अयोध्या के मिट्टी से बने खास उत्पाद उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि दीवाली से पूर्व इस मेले में पारंपरिक कारीगरों द्वारा निर्मित लक्ष्मी-गणेश मूर्तियां और तरह-तरह के डिजाइनर दीये प्रमुख आकर्षण होंगे।
डॉ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस बार की दीवाली में उत्कृष्ट श्रेणी के स्वदेशी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां तैयार करने हेतु कारीगरों को पीओपी मास्टर डाई, स्प्रे-पेंटिंग मशीन, पगमिल, आधुनिक भट्ठी एवं दीया मेकिंग मशीनें निःशुल्क शिल्पकारों को उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही कारीगरों को उनके गांव एवं घर में विशेषज्ञों के माध्यम निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
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उन्होंने बताया कि इन प्रयासों के फलस्वरूप पारंपरिक कला से जुड़े लोगों के रोजगार में वृद्धि हो रही है और इस दीपावली पर्व पर लोगों को स्वदेशी मिट्टी के बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां उचित मूल्य पर उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया मेले में हिस्सा लेने वाले कारीगरों को निःशुल्क बिक्री हेतु स्टाल एवं आवास भी उपलब्ध कराये जायेंगे।