उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार ने श्रमिकों तक कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने एक बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, अब श्रमिकों से लिए जाने वाले पंजीयन एवं नवीनीकरण शुल्क को माफ कर दिया है। इससे अधिक से अधिक श्रमिक अपना पंजीयन एवं नवीनीकरण करा सकेंगे। इस बात की जानकारी सोमवार को प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी यह जानकारी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि 30 नवंबर 2020 तक श्रमिकों द्वारा पंजीयन एवं नवीनीकरण कराने पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इस अवधि में कराए गए पंजीयन एवं नवीनीकरण का लाभ आगामी 01 वर्ष तक मिलता रहेगा। साथ ही इस अवधि में नवीनीकरण के दौरान अंशदान हेतु लिए जाने वाले विलंब शुल्क में भी पूर्ण रूप से छूट मिलेगी, चाहे वह विलंब कितने वर्ष का ही क्यों न हो।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में श्रमिकों से 100 रू0 पंजीयन एवं नवीनीकरण शुल्क लिया जाता था, जिसे वर्तमान सरकार ने घटाकर 20 रू0 कर दिया था, अब इसे निःशुल्क कर दिया गया है।
श्रम मंत्री ने बताया कि श्रम विभाग में कुल 62 लाख 42 हजार निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, तथा 22,08,000 श्रमिकों का नवीनीकरण किया जा चुका है। वर्तमान समय में अभी तक 10,13,000 श्रमिकों का पंजीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वंचितों, उपेक्षितों, गरीबों एवं मजदूरों तक उनके हितार्थ योजनाओं का लाभ पहुंचा रही है। श्रम विभाग श्रमिकों और उनके आश्रितों के समग्र विकास के लिए योजनाएं चला रही है और पूर्ण पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ त्वरित गति से लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है।
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि श्रमिकों को अब अपना पंजीयन एवं नवीनीकरण के लिए श्रम कार्यालय नहीं जाना पड़ेगा। वे अब किसी भी वक्त अपने पास के जन सुविधा केंद्र पर जाकर पंजीयन एवं नवीनीकरण करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग ने श्रमिकों की सुविधा के लिए मोबाइल ऐप यूपीबीओसीडब्ल्यू लांच किया है। अब श्रमिक अपने मोबाइल से इस ऐप को डाउनलोड कर अपना पंजीयन एवं नवीनीकरण भी कर सकते हैं।