यूपी के सार्वजनिक स्थानों में छुट्टा पशुओं को लेकर सरकार सख्त हुई है। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर छुट्टा पशु नहीं दिखने नहीं चाहिए। इसके लिए जो कुछ जरुरी इंतजाम करने पड़ें वो किए जाने चाहिए। उन्होंने जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को छुट्टा पशु्ओं को आश्रय स्थल में जमा कराने और आश्रय स्थलों में चारे पानी के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पशुधन विकास, अवस्थापना एवं औद्य़ोगिक विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने आवश्यकतानुसार वृहद गो संरक्षण केंद्र के निर्माण का प्रस्ताव तत्काल पशुधन विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। कहा कि आवश्यकता होने पर अस्थाई गौ आश्रय स्थल भी बनाए जा सकते हैं। बैठक में बताया गया कि डीबीटी के माध्यम से गो आश्रय स्थलों को भरण पोषण के लिए भुगतान गो-आश्रय पोर्टल के माध्यम से किया जाना है। गो-आश्रय पोर्टल पर 5,919 आश्रय स्थलों के डाटा अपलोड एवं लॉक कर दिए गए हैं।
मास्टर ट्रेनर, खंड विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत, विकास अधिकारी, लेखपाल के प्रशिक्षण के बाद माह जून का भुगतान डीबीटी प्रक्रिया से किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यालय समय में अधिकारी व कर्मचारी दफ्तर में ही उपस्थित रहें। शिकायतों को गुणवत्तापरक एवं समयबद्ध निस्तारण करने के साथ शिकायतकर्ताओं को संतुष्ट किया जाए।
उन्होंने कहा कि औद्योगीकरण शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल हैं। उन्होंने उद्यमी मित्रों के प्रतिदिन कार्यों के निगरानी के लिए नोडल आफिसर नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दस खरब डॉलर की बनाने में बागवानी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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बागवानी में किसानों को भी बेहतर आय हो सकती है। गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने वायु-गुणवत्ता में सुधार विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। मिर्जापुर के मुख्य विकास अधिकारी ने ’किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में प्रयास’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। बैठक में पशुधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डा.रजनीश दुबे व नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार, इऩवेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश, एसीईओ प्रथमेश कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।