प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ा फैसला लिया है। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई फसलों की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने का फैसला किया गया है। मूंगफली की MSP में 9 फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं, धान की MSP में 7 फीसदी की वृद्धि हुई है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। यह कदम किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए है।
मूंग दाल के MSP में हुई 10.40 फीसदी की वृद्धि
पीयूष गोयल ने कहा कि मूंग दाल के MSP में 10.40 फीसदी की गई है। अब मूंग की MSP 8558 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। मूंगफली के MSP में 9 फीसदी की वृद्धि हुई है। अब मूंगफली की MSP 6357 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। तिल की MSP में 10.30 फीसदी की वृद्धि की गई है। इसकी MSP 8635 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है।
धान की MSP 7 फीसदी बढ़ी
धान की MSP में 7 फीसदी की वृद्धि की गई है। कॉमन ग्रेड में 2183 रुपए प्रति क्विंटल और धान ग्रेड ए में 2203 रुपए प्रति क्विंटल MSP की गई है। ज्वार, बाजरा, रागी, जौ, अरहर दाल, उड़द दाल, सूरजमुखी और सोयाबीन, इन सभी में लगभग 6-7 फीसदी MSP बढ़ाई गई है। पीयूष गोयल ने कहा कि कॉटन (कपास) के MSP में बहुत अधिक वृद्धि हुई है। मध्यम आकार के रेशे वाले कॉटन के MSP में 8.9 फीसदी की वृद्धि हुई है। अब 6620 रुपए प्रति क्विंटल MSP मिलेगी। लंबे रेशे वाले कपास पर 10 फीसदी MSP बढ़ाई गई है। अब इसपर 7020 रुपए प्रति क्विंटल MSP मिलेगी।
क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य?
गौरतलब है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की वह कीमत है, जिसपर सरकार सीधे किसानों से उस फसल की खरीद करती है। किसान के पास यह स्वतंत्रता होती है कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी फसल सरकार को बेचे या इससे अधिक दाम मिलने पर बाजार में फसल की बिक्री करे। न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को होने वाले नुकसान से बचाता है। इससे किसान इस बात के लिए निश्चिंत हो जाते हैं कि उनका फसल कम से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकेगा।