उत्तर प्रदेश में मासूम बच्चियों के साथ रेप और यौन शोषण के मामले बढ़ने पर हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अबोध बच्चियों के साथ बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि बहुत सारे मामलों की रिपोर्ट नहीं होती है. इस वजह से घटनाएं प्रकाश में नहीं आ पाती हैं. साथ ही कोर्ट बोला कि बच्चे इस कुकृत्य से अनभिज्ञ होते हैं और बलात्कारियों का प्रतिरोध करने में भी सक्षम भी नहीं होते हैं. ऐसे में वे दरिंदो के आसान शिकार होते हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे आरोपियों को निर्दयतापूर्वक और कठोरतम सजा दी जानी चाहिए.
दरअसल, कोर्ट आगरा की दौकी पुलिस स्टेशन में दर्ज हुए एक मामले में सुनवाई कर रहा है. यहां पर एक सात साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की शिकायत थाने में दी गई थी और इसमें केस दर्ज हुआ है. याची पर सात वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का गंभीर आरोप हैं. हाईकोर्ट में याची ने कहा कि उसे गलत फंसाया गया है, जबकि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है.
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उधर, सरकारी अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का विरोध किया और कोर्ट में कहा कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं. हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह ने आरोपी की जमानत खारिज कर दी है.