योगी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहे 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे को 2025 में होने वाले कुंभ मेले से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. 12 जिलों से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से प्रयागराज की दूरी महज 8 घंटे में पूरी हो सकेगी.
594 किमी गंगा एक्सप्रेसवे जनपद मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज पर समाप्त होगा. इस एक्सप्रेसवे पर दो महत्वपूर्ण नदियों गंगा एवं रामगंगा पर पुल का निर्माण भी किया जाएगा. इसके अलावा भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की लैंडिंग-टेक ऑफ के लिए शाहजहांपुर में 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी भी विकसित की जानी है. गंगा एक्सप्रेस वे पर कुल 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज बनेंगे.
गंगा किनारे बेस शहरों को जोड़ा जाएगा
गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए यूपी में गंगा के किनारे बसे शहरों और ग्रामीण इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. यह एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास और राज्य के नागरिकों की आर्थिक उन्नति के लिए भी मददगार साबित होगा. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपी औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है. गंगा एक्सप्रेस वे के मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे. इसके अलावा 12 अतिरिक्त रैम्प टोल प्लाजा होंगे.
पूर्वी यूपी से जुड़ेगा पश्चिम यूपी
गंगा एक्सप्रेस वे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. इसके तैयार होने के बाद मेरठ और प्रयागराज के बीच ट्रैवल टाइम कम हो जाएगा और दोनों शहरों के बीच 11 घंटे के बजाय सिर्फ 8 घंटे में सफर पूरा होगा. गंगा एक्सप्रेस वे पर अधिकतम स्पीड 120 किमी/घंटा तय की गई है.