केंद्र सरकार की तरफ से संसद में ऐसा आंकड़ा पेश किया गया जो चौंका देने वाला है. सरकार ने संसद में बताया कि बीते तीन साल में केंद्रीय बलों के 400 से अधिक कर्मियों ने खुदकुशी की है. बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई. सरकार का कहना है कि इसे रोकने के लिए विभिन्न स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीएपीएफ, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 3 वर्षों के दौरान 436 कर्मियों ने खुदकुशी की है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में 135, 2021 में 157 और 2020 में 144 कर्मियों ने जान दी है.
नित्यानंद राय ने बताया कि सीएपीएफ (CAPF), असम राइफल्स और एनएसजी के कार्मिकों द्वारा आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. इसके तहत कार्मिकों के स्थानांतरण एवं अवकाश से संबंधित पारदर्शी नीतियां बनाना, किसी कार्मिक द्वारा कठिन क्षेत्र में सेवा करने के पश्चात यथासंभव उसकी पसंदीदा तैनाती पर विचार किया जाता है.
साथ ही कर्मियों की शिकायतों का पता लगाने और उनका निराकरण करने के लिए सैनिकों के साथ अधिकारियों का नियमित संवाद किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य के घंटों को नियंत्रित कर पर्याप्त आराम सुनिश्चित किया जा रहा है. साथ ही कुछ कठिन क्षेत्रों में तैनाती के दौरान पिछली तैनाती वाले स्थान पर (परिवार को रखने के लिए) सरकारी आवास को अपने पास रखने की सुविधा, बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना और उनकी व्यक्तिगत एवं मनोवैज्ञानिक चिंताओं के निवारण के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत का आयोजन करना आदि शामिल है.
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गौरतलब है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों या अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड शामिल हैं. इन बलों की संयुक्त ताकत करीब 10 लाख है.
उधर, गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने फरवरी 2023 तक UAPA की चौथी अनुसूची और प्रथम अनुसूची के अंतर्गत 54 आतंकवादियों और 44 आतंकवादी संगठनों को बैन किया है. वहीं इस साल 2023 में अब तक 4 आतंकी संगठन बैन किए जा चुके हैं.