नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। फारूक अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को देश को धार्मिक आधार पर नहीं बांटने को कहा है। जम्मू-कश्मीर में गैर-बीजेपी पार्टियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जम्मू में मीडिया को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “डर और नफरत की राजनीति नई नहीं है। वे (बीजेपी) 22-24 करोड़ मुसलमानों का क्या करेंगे? क्या वे उन्हें समुद्र में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?”
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “गांधीजी ने राम राज्य के बारे में बात की। राम राज्य से उनका मतलब कल्याणकारी राज्य से था जहां सभी को समान अवसर मिलेंगे और किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। हम सभी को गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।” अब्दुल्ला ने दिन में एक दर्जन से ज्यादा पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का समापन जम्मू-कश्मीर में समय से पहले विधानसभा चुनाव और उसके राज्य के दर्जे की बहाली के लिए दिल्ली में चुनाव आयोग (ईसी) से मिलने के फैसले के साथ हुआ। ये मुलाकात फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई थी।
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‘जम्मू-कश्मीर में स्थिति अच्छी नहीं है…’
बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ”आज जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। युवकों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति अच्छी नहीं है।”
मीडिया से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने मीडिया के सवाल के जवाब में पीएम पद के लिए स्टालिन का समर्थन किया था। विपक्ष को एकजुट होकर मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। फिर, हमें तय करना चाहिए कि किसे पीएम होना चाहिए।’