देश में अटल पेंशन योजना और नेशनल पेंशन स्कीम जैसी सरकारी पेंशन योजनाएं तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दोनों योजनाओं में पंजीकरण कराने वाले लोगों की संख्या 23 प्रतिशत बढ़कर 6.24 करोड़ रुपये हो गई है। 31 मार्च, 2022 तक ये संख्या 5.20 करोड़ थी।

सरकार ने बताया कि अटल पेंशन योजना में पंजीकरण कराने वालों की संख्या में 28 प्रतिशत या एक करोड़ से अधिक का इजाफा हुआ है। पिछले कुछ समय में देखा गया है कि लोग पेंशन के प्रति जागरूक हुए हैं, जिस कारण APY और NPS जैसी योजनाओं में अधिक पंजीकरण करा रहे हैं।
मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आने वाली योजानाओं में सब्सक्राइबर्स की संख्या 4 मार्च, 2023 तक बढ़कर 6.24 करोड़ हो गई है, जो कि 5 मार्च, 2022 को 5.08 करोड़ थी। इस तरह पिछले एक साल में इसमें 22.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
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तेजी से बढ़ रहा AUM
इसके साथ एनपीएस और एपीवाई के तहत आने वाले एसेट्स अंडर मैनेजनेंट (AUM) भी सालाना आधार पर 23.45 प्रतिशत बढ़कर 8.82 लाख करोड़ रुपये (04 मार्च, 2023) हो चुका है।
APY और NPS में पंजीकरण कराने वालों की संख्या
वर्तमान में कुल 6.24 करोड़ ग्राहकों में से 23.86 लाख और 60.72 लाख क्रमशः केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी हैं। कॉर्पोरेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 16.63 लाख हैं। 4 मार्च, 2023 तक APY ग्राहकों की संख्या 28.4 प्रतिशत बढ़कर 4.53 करोड़ हो गई।
बता दें, केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के लोगों को ध्यान में रखकर पेंशन मुहैया कराने के उद्देश्य से एक जून, 2015 को एपीवाई की शुरुआत की थी। इस योजना के सदस्यों को 60 वर्ष की आयु के बाद योगदान के आधार पर 1000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की पेंशन दी जाती है। हालांकि, एक अक्टूबर, 2022 के बाद एपीवाई में केवल वहीं लोग आवेदन कर सकते हैं, जो आयकर नहीं देते हैं। वहीं, एनपीएस संगठित क्षेत्र के लोगों के लिए है। इसमें आम लोग भी पंजीकरण करा सकते हैं।
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