उमेशपाल हत्याकांड इन दिनों सबसे ज्यादा सुर्खियों में है. क्योंकि यूपी पुलिस लगातार हत्यारों को निशाना बना रही है. इसी बीच जेल से अतीक का बयान इन दिनों चर्चा का विषय बना है. जेल सूत्रों का दावा है कि जेल में अतीक अहमद ने अपने करीबियों गलती स्वीकार की है. अतीक ने कहा है इस बार मुझसे बड़ी गलती हो गई. मारने की टाइमिंग बिल्कुल गलत थी. मै सांसद और विधायक रहा हूं, लेकिन फिर भी नहीं समझ पाया कि विधानसभा सत्र के दौरान ये गलती नहीं करनी है.
उमेश से खतरा महसूस करने लगा था अतीक
जानकारी के मुताबिक, उमेश पाल ने अतीक अहमद से पांच करोड़ रुपए लिए थे. लेकिन अब वह उन पैसों को हड़पना चाहता था. इसकी भनक गुजरात जेल में बंद अतीक को भी लग गई थी. उमेश पाल पुलिस प्रशासन में प्रभाव का इस्तेमाल कर कई जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाने की भी खबर है. जिसके बाद अतीक अहमद को स्वयं उमेश से खतरा महसूस होने लगा था. जिसके चलते उसे ये कदम उठाना पड़ा. लेकिन इस बार मुख्यमंत्री सीधे मामले की रिपोर्ट ले रहे हैं. जिसके चलते माफियाराज की कमर टूट गई है.
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वर्चस्व खत्म होने के डर
दरअसल, माफिया अतीक अहमद को अब प्रयागराज में अपना वर्चस्व खतरे में नजर आने लगा था. उसे कायम रखने के लिए ही उसने उमेश पाल खत्म करने की योजना बनाई. सूत्रों का दावा है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट गठित होने के बाद दो-तीन महीने तक पुलिस अधिकारियों का उमेश पाल ने भरपूर लाभ लिया. जो बाते अतीक को खटकने लगी थी. यही नहीं उमेश अतीक के करीबियों की जमीनों के सौदों में भी दखल देने लगा था. जिसकी दर्जनों शिकायते साबरमती जेल में बंद अतीक तक पहुंच रही थी.