प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरित विकास पर बजट के बाद के पहले वेबिनार को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि इस साल के बजट में भी इंडस्ट्री के लिए ‘ग्रीन क्रेडिट’ हैं तो किसानों के लिए पीएम-प्रणाम योजना है. ग्रीन ग्रोथ को लेकर इस साल के बजट में जो प्रावधान किए गए हैं वो एक तरह से हमारी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का शिलान्यास है. उन्होंने कहा कि हरित विकास और ऊर्जा संक्रमण के लिए भारत की रणनीति के 3 मुख्य स्तंभ रहे हैं- नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना, अपनी अर्थव्यवस्था में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम करना और देश में गैस आधारित अर्थव्यवस्था की तरफ तेज गति से आगे बढ़ना है.

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद से भारत में जितने बजट आए हैं उनमें एक पैटर्न रहा है. पैटर्न ये है कि हमारी सरकार का हर बजट वर्तमान चुनौतियों के समाधान के साथ ही नए युग के सुधार को आगे बढ़ाता रहा है. मोदी ने कहा कि मैं आज एनर्जी वर्ल्ड से जुड़े हर स्टॉक होल्डर को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं.विश्व आज अपने नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति परिवर्तन को डाइवर्सिफाई कर रहा है. ऐसी में इस बजट के माध्यम से भारत ने हर हरित निवेशकों को अपने यहां निवेश करने का अवसर दिया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार जिस तरह जैव ईंधन पर जोर दे रही है वो सभी निवेशकों के लिए बड़े अवसर लेकर आया है. हमारे देश में एग्री-वेस्ट की कमी नहीं है, ऐसे में देश के कोने-कोने में एथनॉल प्लांट की स्थापना के मौके को निवेशकों को छोड़ना नहीं चाहिए. भारत में गोबर से 10 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर बायो गैस के उत्पादन की संभावना है. इन्हीं संभावनाओं की वजह से आज गोबर धन योजना भारत की जैव ईंधन रणनीति का एक अहम अंग है इसीलिए हमने इस बजट में 500 नए गोबर गैस प्लांट लगाने की घोषणा की है.
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