देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के अधिवेशन के अंतिम दिन आज रविवार को मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने ऐसा बयान दिया कि हंगामा हो गया. ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ तथा मनु और पैगंबर आदम एक ही हैं.
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के घर वापसी संबंधी बयान पर मदनी ने कहा कि इस्लाम भारत के लिए कोई नया मज़हब नहीं है, बल्कि अल्लाह ने पैगंबर आदम यानी मनु को यहीं उतारा, उनकी पत्नी हव्वा को उतारा, जिन्हें वे (हिंदू) हमवती कहते हैं और वे सारे नबियों, मुसलमानों, हिंदुओं, ईसाइयों के पूर्वज हैं.
मौलाना मदनी के बयान पर आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने असहमति जताते हुए कहा कि भगवान ऋषभदेव पहले तीर्थंकर थे, जिनके पुत्र भरत के नाम पर इस भारत देश का नाम पड़ा है और मदनी को शास्त्रार्थ के लिए आमंत्रित करते हुए जमीयत के 36वें अधिवेशन से चले गए.
मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान ( हिंदुओं और मुसलमानों के पूर्वज एक जैसे हैं) के जवाब में यह कह कर हंगामा खड़ा कर दिया, जब कोई नहीं था ,न श्री राम,न ब्रह्म,तब मनु किसे पूजते थे?कुछ लोग बताते हैं कि वे ओम को पूजते थे तब मैंने कहा कि इन्हें ही तो हम अल्लाह,आप ईश्वर,फारसी बोलने वाले खुदा और अंग्रेजी बोलने वाले गॉड कहते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (एएम समूह) के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने प्रसिद्ध जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि की मौजूदगी में ‘ओम’ और ‘अल्लाह’ तथा मनु और पैगंबर आदम को एक बताते हुए रविवार को दावा किया कि बहुसंख्यक समाज के “पूर्वज हिंदू नहीं थे, बल्कि मनु थे, जो एक ओम यानी अल्लाह की इबादत करने वाले थे.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के संबोधन के बाद मंच पर उपस्थित आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, “हम उनके(अरशद मदनी) वक्तव्य से सहमत नहीं है. उन्होंने नाराजगी जताते हुए मंच छोड़ दिया.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, मैंने धर्म गुरु से पूछा जब कोई नहीं था,न श्री राम,न ब्रह्म,तब मनु किसे पूजते थे?कुछ लोग बताते हैं कि वे ओम को पूजते थे, तब मैंने कहा कि इन्हें ही तो हम अल्लाह,आप ईश्वर,फारसी बोलने वाले खुदा और अंग्रेजी बोलने वाले गॉड कहते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के संबोधन के बाद मंच पर उपस्थित आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, “हम उनके(अरशद मदनी) वक्तव्य से सहमत नहीं है. हम केवल आपस में मिलजुल कर रहने से सहमत हैं.”
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जैन मुनि आचार्य लोकेश मुनि ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान पर कहा, हमने सभी ने प्रेम और सद्भाव की बातें की लेकिन मदनी साहब का जो वक्तव्य आया वह बिल्कुल अलग रहा. उन्होंने अपनी ही कोई कहानी कह दी. हम सभी सर्वसम्मति से मदनी जी की बातों का विरोध करते हैं.