भगवान राम (Lord Rama) को लेकर एक बार फिर से एक बड़ा विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई है. इस बार कर्नाटक के एक रिटायर प्रोफेसर और लेखक केएस भगवान (KS Bhagawan) ने विवादित बयान देते हुए कहा कि ‘राम राज्य बनाने की बात चल रही है… वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि भगवान राम आदर्श नहीं थे. उन्होंने 11,000 साल नहीं, बल्कि केवल 11 साल तक शासन किया.’ प्रोफेसर केएस भगवान के इस तरह के दावे से एक और विवाद भड़क सकता है. धार्मिक और साहित्यिक जानकार ये पहले से ही कहते रहे हैं कि उत्तर कांड मूल रामायण का हिस्सा नहीं था और वाल्मीकि ने इसे कभी नहीं लिखा था. यह सब बाद में रामायण में जोड़ा गया था.
प्रोफेसर केएस भगवान केवल इतने पर ही नहीं रूके. उन्होंने दावा किया कि वाल्मीकि रामायण (Valmiki Ramayana) के उत्तर कांड में कहा गया है कि ‘भगवान राम दोपहर में सीता के साथ बैठते थे और बाकी पूरा दिन पीते थे … उन्होंने अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया और उनकी परवाह नहीं की … उन्होंने शूद्र शंबूक का सिर काट दिया, जो एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहा था. वह आदर्श कैसे हो सकते हैं? ’ प्रोफेसर केएस भगवान के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि क्या वे इसी तरह अन्य धर्मों में भी ऐसी चीजों के बारे में बात कर सकते हैं? हर कोई केवल भगवान राम के बारे में गलत बात करता है.
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यह पहली बार नहीं है जब प्रोफेसर केएस भगवान ने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की है. 2019 में भी उन्होंने इसी तरह का दावा करते हुए कहा था कि भगवान राम ‘नशीली चीजों’ का सेवन करते थे और सीता को भी पिलाते थे. अपने विवादास्पद बयानों के कारण वे लगातार दक्षिणपंथी समूहों के निशाने पर रहे हैं. प्रोफेसर केएस भगवान को कथित रूप से हत्या की धमकी भी मिल चुकी है. बहरहाल प्रोफेसर केएस भगवान पहले भी साफ कह चुके हैं कि भले ही मुझे मारने की धमकी मिल रही है लेकिन इससे मेरा रुख नहीं बदलेगा.