केरल के पतनमतिट्टा जिले में काला जादू के नाम पर दो महिलाओं की बलि देने का हैरतअंगेज मामला सामने आया है। आर्थिक मदद करने के नाम पर इन महिलाओं को यहां बुलाया गया और फिर अपहरण कर उनकी 24 घंटे में हत्या कर दी गई। इनके शवों को टुकड़े-टुकड़े कर घर के पीछे ही दबा दिया गया। यही नहीं, आरोपितों द्वारा इनके टुकड़े खाने का भी संदेह जताया जा रहा है।
‘मानव बलि’ दोहरे हत्याकांड में हो रहे लगातार खुलासे
इस बर्बर हत्याकांड का खुलासा करते हुए कोच्चि शहर के पुलिस आयुक्त सी नागराजू ने बुधवार को कहा कि केरल के पथानामथिट्टा जिले में चौंकाने वाली ‘मानव बलि’ दोहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी उर्फ रशीद है, जिसे अपने पीड़ितों को चोट पहुंचाने से सुख मिलता था। पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस ने एक दंपती समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान शफी, भगवल सिंह और उसकी पत्नी लैला के रूप में हुई। आरोपितों को मंगलवार को एर्नाकुलम की जिला एवं सत्र अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बर्बर तरीके से की गई महिलाओं की हत्या
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने पीड़ितों रोसेलिन (50)और पद्मा (52) को गला घोंटने से पहले बांध दिया था और उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस दौरान महिलाओं के स्तन काटे गए और इसके बाद उनका खून बहने दिया गया। पुलिस प्रमुख ने कहा कि शवों में से एक के 56 टुकड़े किए गए। पीड़ितों के तीन गड्ढों से शव के अंग मिले हैं। शवों के टुकड़ों को निकाल लिया गया है।
शफी ने भगवल सिंह और लैला के साथ मिलकर रची साजिश
उन्होंने बताया कि कोच्चि क्षेत्र की दो लाटरी विक्रेता रोसलिन और पदमा के क्रमश: जून और सितंबर महीने में लापता होने के केस दर्ज किए गए थे। जांच के दौरान पुलिस को मानव बलि के बारे में पता चला। मुख्य आरोपित शफी ने इन दोनों महिलाओं को वित्तीय मदद करने के बहाने पतनमतिट्टा बुलाया। शफी ने पीड़ितों को अश्लील फिल्म में काम करने के लिए पैसे देने का वादा किया था।
पुलिस ने कहा कि उसी समय उसने भगवल सिंह और लैला को अपनी वित्तीय परेशानियों को खत्म करने और अमीर बनने के लिए मानव बलि देने की सलाह दी। उसने अधिक पैसा कमाने के लालच में भगवल सिंह और उसकी पत्नी के साथ मिलकर इन दोनों की अपहरण के कुछ समय बाद ही बलि दे दी और शवों को टुकड़े-टुकड़े कर घर में ही पीछे की ओर दबा दिया।
महिलाओं के फोन शफी के पास मिले
नागराजू ने कहा कि मामले में शफी का पहला मकसद पैसों से संबंधित नहीं था, बल्कि उसकी सेक्स-अपराधों से संबंधित प्रवत्ति थी। उन्होंने कहा कि शफी और दंपति के बीच कोई बड़ा लेन-देन नहीं हुआ। हम इसकी आगे जांच करेंगे। पुलिस ने कहा कि हत्या की गईं महिलाओं के फोन शफी के पास मिले हैं। सीसीटीवी फुटेज और उसके द्वारा छोड़ी गई एक कार की मदद से शफी का पता लगाया गया। इस जांच ने पुलिस को पथानामथिट्टा के घर तक पहुंचाया, जहां भगवल सिंह और उनकी पत्नी ने हत्याकांड में शामिल होने का जुर्म कबूल किया है।
मुख्य आरोपित ने दो साल पूर्व 75 वर्षीय वृद्धा से किया था दुष्कर्म
इस घटना का मुख्य आरोपी मोहम्मद शफी 2020 के एक 75 वर्षीय महिला पर यौन उत्पीड़न के मामले में जमानत पर बाहर था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि दोषियों को पकड़ने में सीसीटीवी फुटेज मददगार साबित हुई। मामले में मुख्य आरोपित शफी है। उसका मकसद जादू-टोना कर अधिकाधिक पैसे कमाना था। शफी एक यौन विकृत मानसिकता का है। उसने इन महिलाओं के नाजुक अंगों पर चोटें मारीं। 2020 में शफी ने एक 75 वर्षीय महिला के साथ दुष्कर्म किया था और उसके संवेदनशील अंगों पर भी गंभीर चोटें पहुंचाई थीं। उन्होंने कहा कि अभी इस बात की जांच की जा रही है कि मानव बलि के लिए शफी ने क्या और भी महिलाओं से संपर्क किया था?
आरोपियों का माकपा से संबंध पर सवाल
भगवल सिंह और लैला के बारे में कहा जा रहा है कि वे केरल सीपीआइ (एम) के सक्रिय कार्यकर्ता रहे चुके हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए सीपीआई(एम) के एक प्रवक्ता पीआर प्रदीप ने कहा कि उन्होंने हमारे साथ काम किया, लेकिन हमारी पार्टी के सदस्य नहीं थे। वह एक समय में प्रगतिशील व्यक्ति थे, लेकिन दूसरी शादी के बाद वह एक धार्मिक व्यक्ति बन गए। यह उनकी पत्नी का प्रभाव हो सकता है।
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केंद्रीय मंत्री का निशाना, माकपा का सदस्य भी घटना में शामिल
केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने मानव बलि को लेकर केरल सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मामले में प्रदेश पुलिस ने काफी देर से कार्रवाई शुरू की। साथ ही यह भी कहा कि माकपा का भी एक सदस्य इस घटना में शामिल है। उधर, वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावडेकर ने भी केरल सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि माकपा के शासन में केरल में अपराधों में बढ़ोतरी हुई है।