विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुप्रीम रोक के बाद भाजपा और शिंदे गुट का जोश हाई हो गया है। एकनाथ शिंदे गुट के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से मिले संरक्षण के बाद भाजपा नेताओं के बीच मंथन का दौर शुरू हो गया है। भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट के बीच सरकार गठन का खाका खींचा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के 29 और शिंदे गुट के 13 विधायकों को मंत्री बनाने पर सहमति बन रही है। वहीं ये भी चर्चा है कि राज्यपाल अगर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाते हैं तो शिवेसना कोर्ट जा सकती है। भाजपा और शिंदे गुट भी संभावित सरकार के गठन के साथ-साथ कोर्ट में जाने पर उत्पन्न होने वाली स्थितियों का आकलन कर रहा है।
भाजपा 29 नेताओं को बना सकती है
भाजपा और शिंदे गुट दोनों संविधान विशेषज्ञों से भी राय ले रहे हैं। देश में पहली बार किसी राज्य के अंदर ऐसी पेचदगी भरी स्थिति उत्पन्न हुई है जब सत्ता संघर्ष इस तरह से करवटें बदल रहा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की स्थिति में एकनाथ शिंदे, उदय सामंत, दादा भुसे, गुलाबराव पाटिल और दीपक केसरकर को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। एकनाथ शिंदे को डिप्टी सीएम का पद भी भाजपा दे सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा या शिंदे गुट की बजाय कोई और छोटा दल राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है। क्योंकि बागी विधायकों के पास अब 11 जुलाई तक का समय है।
लिहाजा इसके अंदर ही नयी सरकार के गठन का खाका खींचे जाने की तैयारी है। पर्याप्त समय मिल जाने की वजह से फिलहाल बागी विधायकों की सदस्यता अगले दो सप्ताह तक सुरक्षित है। ऐसे में वह जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट चाहते हैं।
इस इस्लामिक देश में बनेगा मंदिर, पैगंबर विवाद को लेकर किया था जमकर बवाल
भाजपा रहे दूर-राउत
शिवसेना प्रवक्ता व सांसद संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी को इस विवाद से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की पार्टी इससे दूर ही रहे तो बेहतर होगा। मीडिया से बात करते हुए राउत ने कहा कि जिस पार्टी के लीडर मोदी हैं वहां बागियों को संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। संजय राउत ने ये भी कहा कि गुवाहटी से विधायकों के आने के बाद ही पता चलेगा कि असली शिवसेना कौन है और विधायक फ्लोर टेस्ट में किसका साथ देते हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि वह सदन में कभी भी विश्वास मत हासिल कर लेंगे।