दो कहावत हैं। एक है ‘मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू-थू’ और ‘गुड़ खाएं और गुलगुले से परहेज करें’। ये दोनों कहावत कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर सटीक बैठती दिख रही हैं। वजह हैं देश के दो बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी। इन दोनों उद्योपतियों पर राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी का दोस्त होने का आरोप लगाते हैं। राहुल आए दिन कहते हैं कि अंबानी और अडाणी को मोदी सरकार फायदा पहुंचा रही है, लेकिन जब अपनी बारी आती है, तो राहुल गांधी चुप्पी साध लेते हैं। अंबानी और अडाणी से राहुल गांधी की कांग्रेस शासित सरकार किस तरह फायदा ले रही है, ये अब सामने आया है। अंग्रेजी अखबार ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने राहुल गांधी के इस दोहरे चाल को उजागर किया है। अखबार ने आरटीआई से पता किया कि अंबानी और अडाणी ने राहुल गांधी की कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में 1.68 लाख करोड़ के निवेश करने का फैसला किया है।
अखबार ने आरटीआई से मिले जवाब का हवाला देते हुए बताया है कि राजस्थान के ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन BOIP से दोनों उद्योगपतियों ने दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच लेटर ऑफ इंटेंट यानी समझौता ज्ञापन किया। इसमें अंबानी और अडाणी ने 1.68 लाख करोड़ के निवेश का वादा किया। ये भी आरटीआई से पता चला है कि उद्योग घरानों ने राजस्थान में 940453 करोड़ के निवेश का जो वादा किया, उसमें अंबानी और अडाणी का हिस्सा करीब 18 फीसदी है।
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अखबार ने आरटीआई के जरिए बताया है कि अंबानी के रिलायंस न्यू एनर्जी सोलर लिमिटेड के जरिए 1 लाख करोड़, अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने 60000 करोड़, अडाणी इंफ्रा ने 5000 करोड़, अडाणी टोटल गैस लिमिटेड ने 3000 करोड़ और अडाणी विल्मर लिमिटेड ने 246.08 करोड़ निवेश का वादा राजस्थान सरकार से किया। अखबार के मुताबिक इस साल जनवरी में राजस्थान में निवेश सम्मेलन होना था। फिर कोरोना के कारण ये टल गया। इस सम्मेलन से पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने गौतम अडाणी समेत कई उद्योगपतियों से मुलाकात भी की थी। अब ये सम्मेलन इस साल अक्टूबर में होना है। जाहिर है, इसमें अंबानी और अडाणी भी शिरकत करेंगे। बावजूद इसके राहुल गांधी दोनों उद्योगपतियों का नाम बार-बार लेकर पीएम मोदी पर हमलावर बने रहते हैं।