पाकिस्तान ने अपनी खस्ताहाल होती अर्थव्यवस्था को संभालने के बजाए एक ऐसा फैसला लिया है जिसकी पूरी दुनिया हैरान हो गई है. दरअसल भारी वित्तीय संकट और गले तक कर्ज में डूबा होने के बावजूद इस्लामाबाद के नए हुक्मरानों ने अपने रक्षा बजट में इजाफा करने का ऐलान किया है.
1400 अरब से मजबूत होदी PAK फौज?
शहबाज शरीफ सरकार के इस फैसले से पाकिस्तानी फौज और अन्य सशस्त्र बलों को अगले वित्त वर्ष के बजट में 1,400 अरब रुपये (7.6 अरब डॉलर) से अधिक का फंड मिलने की उम्मीद है. हालिया बढ़ोतरी चालू साल के डिफेंस बजट से करीब 83 अरब रुपये अधिक होगी. मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई है. आमतौर पर बजट की घोषणा के समय सभी की निगाह रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन पर रहती है.
एक फौजी पर सालाना 26.5 लाख का खर्च
‘द डॉन’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, सैन्य बलों के लिए 1,453 अरब रुपये का आवंटन पिछले साल के 1,370 अरब रुपये के आवंटन से करीब 83 अरब रुपये अधिक होगा. यह लगभग 6 फीसदी की बढ़ोतरी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रक्षा बजट में यह वृद्धि मुख्य से से कर्मचारियों से संबंधित खर्चों, वेतन और भत्तों पर की व्यय जाएगी. वहीं सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में प्रत्येक जवान पर सालाना खर्च 26.5 लाख रुपये है, जो भारत के खर्च का एक-तिहाई भी नहीं बैठता है.
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अर्थव्यवस्था की नहीं इस बात की चिंता
पाकिस्तानी एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस फैसले से 11.3 फीसदी की मुद्रास्फीति को लेने के बाद यह बढ़ोतरी 136 अरब रुपये की होनी चाहिए. मुद्रास्फीति को जोड़ने के बाद पाकिस्तान के सैन्य बलों को उनकी जरूरत से 53 अरब रुपये कम का ही आवंटन होगा. इन आंकड़ों के लिहाज से अगले वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का रक्षा बजट कुल व्यय का करीब 16 फीसदी हो जाएगा. सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में हिस्सेदारी के हिसाब से यह मौजूदा साल के 2.54 प्रतिशत से घटकर 2.2 प्रतिशत रह जाएगा.