दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के बाद अतिक्रमण हटाने पर एमसीडी की कार्रवाई पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्षी दल एक सुर में एमसीडी की कार्रवाई को गलत ठहरा रहे हैं। विपक्ष के नेता इसको लेकर सीधा केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। साफ तौर पर जहांगीरपुरी अब राजनीतिक अखाड़ा बन गया है।
बुधवार को एमसीडी की कार्रवाई के बाद जहांगीरपुरी में कुछ दलों के नेता पहुंचे और जायजा लिया। बीती शाम एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जहांगीरपुरी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने केंद्र और दिल्ली सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यदि यदि वो (दुकान और मकान) अनाधिकृत थे तो सात साल से भाजपा की सरकार सो क्यों रही थी? ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने एक समुदाय को निशाना बनाकर उनके दुकान और घर को नुकसान पहुंचाया है। जब पुलिस ने यात्रा की अनुमति नहीं दी थी तो यह कैसे निकाली गई।
कांग्रेस का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा जहांगीरपुरी
कांग्रेस का 15 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल जहांगीरपुरी का दौरा करेगा। कांग्रेस नेता अजय माकन के नेतृत्व में ये प्रतिनिधिमंडल लोगों से मुलाकात कर सकता है। इस दौरान दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी भी मौजूद रहेंगे। वहीं, तृणमूल पार्टी 22 अप्रैल को एक फाइंडिंग टीम जहांगीपुरी भेज सकती है। इस टीम में सांसद काकोली घोष दस्तीदार सहित अन्य नेता शामिल रहेंगे।
बता दें कि जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दिन शनिवार को शोभा यात्रा के दौरान पथराव हुआ था। पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में दिल्ली पुलिस के कुछ जवान भी घायल हुए थे। जहांगीरपुरी हिंसा के बाद एमसीडी ने बुधवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था। कुछ घंटे बुलडोजर के जरिए अतिक्रमण हटाया गया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एमसीडी ने कार्रवाई को रोक दिया। कोर्ट ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है।