राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह रामदत्त चक्रधर ने रविवार को पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों के एक कार्यक्रम में कहा कि संघ की दैनंदिनी शाखा में सभी लोग बिना किसी लोभ-लालच के आते हैं। संघ की शाखा स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व को निखारकर उन्हें राष्ट्रभक्त नागरिक बनाकर समाज को सौंपती है। चक्रधर ने कहा कि स्वयंसेवक समाज परिवर्तन का प्रभावी काम तभी पूरा कर सकता है, जब संघ कार्य का विस्तार हो। उन्होंने कहा कि हर उप बस्ती में शाखा कार्य को बढ़ाने का काम स्वयंसेवकों को तेजी के साथ करना होगा।
दो दिवसीय प्रवास पर उत्तर प्रदेश के कासगंज पहुंचे रामदत्त चक्रधर ने पहले दिन शनिवार को एटा और अलीगढ़ विभाग के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। उन्होंने प्रवास के दूसरे दिन यानी रविवार को श्रीगणेश इंटर कॉलेज के प्रांगण में गणवेशधारी स्वयंसेवकों के एकत्रीकरण को संबोधित किया। एकत्रीकरण कार्यक्रम में सह सरकार्यवाह के साथ मंच पर संघ के विभाग संघचालक उमाशंकर शर्मा, सह जिला संघचालक नरेश नंदन भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का आरंभ ध्वज लगाकर संघ की प्रार्थना के साथ हुआ। सामूहिक गीत भी गाया गया तथा योग एवं शारीरिक कार्यक्रमों के प्रदर्शन हुए। अमृत वचन के बाद सह सरकार्यवाह का उद्बोधन हुआ।
सह सरकार्यवाह चक्रधर ने कहा कि समाज के सभी कष्टों को, उनकी समस्याओं का समाधान और निवारण करने का काम स्वयंसेवकों पर है। समाज के उत्थान के लिए संघ अपनी छह गतिविधियां चला रहा है। ये गतिविधियां निरंतर समाज परिवर्तन का काम कर रही हैं। समाज परिवर्तन का काम तब होता है जब हम मन परिवर्तन का काम करते हैं। स्वयंसेवकों का उत्तरदायित्व बहुत अधिक है। आज संघ से जुड़ने के लिए समाज के युवाओं की बहुत बड़ी संख्या आ रही है। उस संख्या को संभालना और उसे चरित्रवान, निष्ठावान, कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार नागरिक बनाना स्वयंसेवकों का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समाज की जब एक बड़ी संख्या संघ कार्य से जुड़ेगी, तब समाज परिवर्तन का काम आसानी से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि 1925 में स्थापित हुए संघ ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित किया है, जिनमें शिक्षा, श्रम, संस्कार, कला ही नहीं, बल्कि भारत का मानस बदलने में भी संघ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वृंदावन में बनेगा 300 बेड का अस्पताल, सरकार्यवाह होसबाले ने किया भूमि पूजन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 6 प्रमुख गतिविधियों में कुटुंब प्रबोधन, गौ सेवा, ग्राम्य विकास, सामाजिक समरसता और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं। इन गतिविधियों का जिक्र कर उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं को शाखा से समाज परिवर्तन का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज संघ के सौ वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। सभी स्वयंसेवकों को ऐसा प्रयत्न करना चाहिए कि सौ साल के आते-आते संघ के माध्यम से समाज के अंदर परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देने लगे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि निश्चित ही इस क्षेत्र में संघ की शाखाएं उप बस्तियों तक पहुंचेंगी और हम एक ज्ञानवान, ऊर्जावान, देशभक्त, ईमानदार और चरित्रवान नागरिक का निर्माण करने में सहायक होंगे।