देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सात दोषियों में से एक को बुधवार को जमानत मिली है। कोर्ट में न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पेरारीवलन लगभग 32 वर्षों से जेल में है उन्हें जमानत दी गई है।
केंद्र से विरोध के बावजूद जमानत
जजों की बेंच ने जमानत के आदेश में कहा कि दोषी ने 30 वर्षों से ज्यादा का वक्त जेल में बिताया है। जिसके चलते हमारा विचार है कि केंद्र के कड़े विरोध के बावजूद वो जमानत पर रिहा होने का हकदार है। कोर्ट ने यह आदेश 2016 में पेरारिवलन द्वारा दायर एक विशेष अनुमति याचिका में पारित किया है। वहीं पूर्व में मद्रास हाईकोर्ट ने पेरारीवलन की सजा को कम करने की मांग करने वाली एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया था। केन्द्र सरकार ने पेरारिवलन की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में राज्यपाल को माफी देने का अधिकार नहीं है। पेरारिवलन ने याचिका में कहा है कि उसकी रिहाई अर्जी लंबे समय से राज्यपाल के पास लंबित है उस पर फैसला नहीं हो रहा। इस याचिका पर कोर्ट अगले माह सुनवाई करेगा।
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तीन बार पहले भी मिल चुकी है पैरोल
जमानत याचिका पर कोर्ट ने कहा कि पेरारीवलन फिलहाल पैरोल पर हैं। उन्हें इससे पहले भी तीन बार पैरोल दी जा चुकी है। पीठ ने कहा कि जमानत निचली अदालत की शर्तों के अनुरूप होगी। साथ ही, याचिकाकर्ता को हर महीने के पहले सप्ताह के दौरान जोलारपेट्टई (अपने मूल स्थान) में स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट भी करना होगा।पेरारिवलन को राजीव गांधी हत्याकांड में फांसी की सजा मिली थी। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी मे अत्यधिक देरी होने के आधार पर फांसी की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी।