मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए किसान पिछले कई महीनों से आंदोलित नजर आ रहे हैं। इसी किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों ने अपने जान की आहुति भी दे दी है। रूह कंपा देने वाली सर्दियों में भी ये किसान टस से मस नहीं हुए, और अब झगझोर देने वाली गर्मी में भी डंटे है। इसी क्रम में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार को ललकारते हुए नया बयान दिया है। उनके इस बयान को किसान आंदोलन के नए जोश के रूप में देखा जा रहा है।
किसान नेता ने दिया बड़ा बयान
एक न्यूज पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार, राकेश टिकैत ने कहा कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को आठ महीनों तक चलना होगा क्योंकि ये उनके अधिकारों और भूमि का सवाल है। 10 मई के बाद आंदोलन और तेज करने की योजना है, तब तक किसान गेहूं की फसल काटने में लगे रहेंगे। हालांकि टिकैत का ये बयान कोई नई बात नहीं है, उन्होंने पहले ही कहा था कि किसान सालभर का राशन लेकर आए हैं, ऐसे में जब तक मोदी सरकार नए कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने बुधवार को बताया था कि लाखों प्रदर्शनकारी मई में संसद का घेराव करेंगे। मोदी सरकार और संसद किसानों की बात नहीं सुन रही है, इसलिए संसद के सामने जाना और अपनी मांग उठाना किसानों का अधिकार है। हन्नान के मुताबिक किसान संगठन अब से मई के बीच कुछ समय तय करेंगे, ताकी आंदोलन का सही दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
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आपको बता दें कि बीते 26 मार्च को किसान आंदोलन के 120 दिन पूरे हुए, जिस वजह से किसानों ने भारत बंद का आह्वन किया था। इस दौरान कई जगहों पर ट्रेनों और यातायात को रोका गया। इससे पहले 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली थी। उस दौरान दिल्ली के लालकिले और आईटीओ पर जमकर हिंसा हुई। जिसके बाद कई संगठनों ने अपने हाथ इस आंदोलन से पीछे खींच लिए थे।