सोशल मीडिया पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छाई रही। सरकार के पक्ष में सुबह से ही ट्विटर पर ‘योगीजी के चार साल बेमिसाल’ टॉप ट्रेंड करता रहा। समाचार लिखे जाने तक उक्त ट्रेंड पर 37 हजार से अधिक ट्वीट किये जा चुके थे। इस दौरान बहुत बड़ी संख्या में योजनाओं व नीतियों के लाभार्थी यूजर्स अपना वीडियो बनाकर ट्वीट कर योगी सरकार की सराहना कर रहे हैं।
ट्रेंड कर रहा ‘योगीजी के चार साल बेमिसाल’
यूजर स्मृति पंडित ने ट्वीट किया है कि योगी सरकार में (2021) बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत है, जबकि 2017 में बेरोजगारी दर 17.5 प्रतिशत था। इसी तरह ट्विटर पर सरकार की तमाम योजनाओं के स्टीकर, पोस्टर व अपने व्यू यूजर साझ करके योगी सरकार के प्रति कृतज्ञता जाहिर कर रहे है। दसअसल, योगी सरकार ने आज 19 मार्च को चार साल पूरा कर लिया है। आज ही के दिन चार वर्ष पहले उप्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी थी।
योगी बोले, चुनौतियों का समंदर और मांझी की जिद…
उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत लेकर बनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की योगी सरकार ने शुक्रवार को चार वर्ष पूरा कर लिया है। इस कार्यकाल को योगी सरकार विकास का काल बता रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यकाल को कहा है कि ‘चुनौतियों का समंदर और मांझी की जिद…।’ 2022 विधानसभा चुनाव से पहले अब तक योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का लेखा-जोखा जनता के सामने रख दिया है। बीते बीते 14 मार्च को सरकार की तरफ से 64 पृष्ठों की एक बुकलेट जारी की गयी है, जिसमें केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की योगी सरकार की तमाम योजनाओं व कदमों का उल्लेख है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस चार साल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मिथकों को तोड़ते हुए अब तक के कार्यकाल को पूरा किया है। इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा समेत तमाम नेताओं ने योगी सरकार को बधाई व शुभकामनाएं प्रषित किया है। श्री नड्डा ने ट्वीट करके योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा है कि विगत वर्षों में योगी सरकार ने प्रत्येक वर्ग के कल्याण व उत्थान की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाये हैं।
प्रदेश में नहीं हुआ एक भी दंगा, शांतिपूर्वक मनाए जा रहे त्यौहार
शुक्रवर को प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी उपलब्धियां गिनाते हुए मुख्यमंत्री योगी ने योगी ने दावा किया है कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है। चार साल पहले केंद्र की किसी भी योजना में यूपी का स्थान नहीं होता था। ईमानदारी से योजनाएं लागू नहीं की गईं। स्वच्छ भारत मिशन में यूपी का प्रथम स्थान रहा, जो 2017 से पहले कहीं नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ है। सभी त्यौहार शांतिपूर्वक मनाए जा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश उन्नति के पथ पर अग्रसर
योगी ने ट्वीट करके कहा है कि ‘उत्तर प्रदेश उन्नति के पथ पर अग्रसर है। उत्तर प्रदेश की नई कार्य-संस्कृति को श्रेय जाता है कि कोरोना जैसे आपदाकाल में भी यह राज्य, राष्ट्रीय पटल पर एक समृद्ध राज्य के तौर पर उभरा है। चार वर्षों में उत्तर प्रदेश की विकास यात्रा का एक सिंहावलोकन…’ वहीं, आज देश भर के तमाम समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में योगी के लेख भी प्रकाशित हुए हैं। अपने लेख में उन्होंने कोरोना की विभीषिका और उसके मैनेजमेंट का जिक्र किया है। साथ ही राम मंदिर के निर्माण से लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण, गन्ना किसानों को भुगतान, गंगा यात्रा, पांच ट्रिलियन यूएसए डालर वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य का भी ज़िक्र किया है।
मोदी व अमित शाह ने बनाया था योगी को मुख्यमंत्री
2017 विधानसभा के परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री के लिए तत्कालीन रेलवे राज्यमंत्री व वर्तमान जम्मू व कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का नाम चला था। इस दौरान उनकी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी। मुख्यमंत्री को लेकर नाम चलने के बीच ही वे वाराणसी पहुंचे और काशी विश्वनाथ व संकटमोचन हनुमान मंदिर में दर्शन किये। हालांकि सुबह होते ही योगी का नाम आगे आ गया।
योगी को मुख्यमंत्री क्यों बनाया गया इस बात का खुलासा दो वर्ष बाद 2019 में अमित शाह ने की थी। उत्तर प्रदेश सरकार की दूसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-2 को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा था कि ‘किसी ने सोचा भी नहीं था कि योगी मुख्यमंत्री बनेंगे। कई लोगों ने मुझसे कहा कि योगी को तो नगर निगम चलाने का भी अनुभव नहीं है, आप उन्हें सीएम क्यों बना रहे हैं। हां यह सही है कि उनको नगर निगम चलाने का भी अनुभव नहीं था। वह एक मंदिर के प्रमुख थे।’ उन्होंने कहा था कि निष्ठा और परिश्रम करने की क्षमता के आधार पर हमने और हमारे नेता नरेंद्र भाई मोदी ने योगीजी को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी और योगी जी हमारी उम्मीदों पर खरे उतरे।”
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उल्लेखनीय है कि, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 300 से अधिक सीटें मिली थीं, जिसके बाद पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ विजय हासिल की थी और जब उत्तर प्रदेश की बागडोर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ को सौंपी गई थी तो यही चर्चा सर्वत्र चली कि वे उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य को संभाल नहीं पाएंगे। लेकिन आज योगी का दावा है कि देश-दुनिया में उनकी सरकार की प्रशंसा हो रही है और उन्होंने प्रदेश को देश में विभिन्न संदर्भों में प्रथम पायदान पर पहुंचा दिया है।