उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान के दौरान महिला एवं बाल अपराधों में प्रभावी अभियोजन के जरिए दोषियों को अधिकतम सजा दिलाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रयास किये गये हैं। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि अभियान अवधि में जनपद हापुड़, हाथरस, रायबरेली, बांदा, गाजियाबाद, हरदोई में विभिन्न अभियोगों में सात अपराधियों को फांसी की सजा से दण्डित कराया जा चुका है।

महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को मिला आजीवन कारावास
अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी, प्रमोद श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से अभियोजकों के कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान निर्देश दिये गये कि बलात्कार सहित हत्या के मामलों में ऐसे मामले जो विरले से विरले पाये जायें, अभियोजन विभाग उनमें मृत्युदण्ड की सजा सुनिश्चित कराने के हर संभव प्रयास करें ताकि अपराधियों के बीच यह संदेश स्पष्ट एवं मुखर रूप से पहुंचे कि यदि उनके द्वारा ऐसा जघन्य अपराध किया जायेगा तो उन्हें हर हाल में मृत्युदण्ड ही मिलेगा।
मिशन शक्ति अभियान में सात अपराधियों को मिली फांसी की सजा
10,000 अपराधियों की जमानतें भी करायी गई खारिज
अपर मुख्य सचिव गृह ने बताया कि मिशन शक्ति के दौरान 17 अक्टूबर से 03 मार्च तक प्रदेश में सात अपराधियों को फांसी के अलावा महिला एवं बाल अपराध के 435 अपराधियों को आजीवन कारावास तथा 394 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक कठोर कारावास तथा 1,108 अपराधियों को 10 वर्ष से कम कारावास तो कराया ही गया। साथ ही शोहदे और गुण्डे किस्म के 1,503 अपराधियों को जिलाबदर भी कराया जा चुका है। अभियान के दौरान अब तक लगभग 10,000 ऐसे अपराधियों की जमानतें भी खारिज करायी जा चुकी हैं।
आजीवन कारावास की सजा कराने में बलिया रहा अव्वल
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि बाल एवं महिला अपराध के अपराधियों को आजीवन कारावास कराने में बलिया अव्वल रहा, जहां 32 अपराधियों को सजा करायी गयी, वहीं दूसरे स्थान पर 22 सजा कराकर आगरा रहा तथा तीसरा स्थान 21 आजीवन कारावास कराते हुए फतेहपुर ने प्राप्त किया।
कुछ अहम मामलों में इस तरह करायी गई सजा
अपर पुलिस महानिदेशक, अभियोजन, आशुतोष पाण्डेय ने बताया कि अभियान के दौरान विभिन्न संवेदनशील प्रकरणों तथा ऐसे मामलों में जिन्होंने समाज की आत्मा को झकझोर कर रख दिया था, उनमें अभियोजन द्वारा सजा करायी गई।
394 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक कठोर कारावास
– अलीगढ़ में एक बच्ची को अगवा करने का मामला 11 साल से लम्बित था। मामले में तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा से दण्डित कराया गया।
– मुरादाबाद में पीड़ित के साथ बलात्कार के बाद उसका गला अपराधी ने काट दिया था। मृत्युशैया पर पीड़ित ने इशारे से आरोपित की ओर उंगली से इशारा किया। उसके कथन के आधार पर आरोपित को उम्रकैद की सजा करायी।
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– मीरजापुर में एक छह साल की एक मूकबधिर बालिका के साथ दुष्कर्म किया गया। अभियोजन द्वारा मात्र 23 दिनों की सुनवाई में ही दोषी को आजीवन कारावास से दण्डित कराया गया। पीड़ित परिवार को तत्काल ढाई लाख रुपये उसके खाते में उपलब्ध भी कराये गये।
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