पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला घोटाले की जांच तेज कर दी है। इसी क्रम में शुक्रवार को सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम ने बंगाल में छापेमारी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस संयुक्त टीम ने 14 ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है। यह छापेमारी कोलकाता के अलावा दुर्गापुर और आसनसोल के कई इलाकों में की जा रही है।
सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम ने उठाया सख्त कदम
सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम के सूत्रों ने बताया है कि राजधानी कोलकाता के साथ-साथ दुर्गापुर और आसनसोल के ठिकानों पर तलाशी अभियान चल रहे हैं। कोलकाता के बांसड्रोनी में एक कारोबारी के ठिकाने पर तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। कारोबारी का नाम रणधीर बरनवाल है। उसके ऑफिस में सीबीआई और ईडी के अधिकारी पहुंचे हैं।
कोलकाता के डलहौसी इलाके में भी एक चार्टर्ड फर्म के दफ्तर में सीबीआई और ईडी की संयुक्त टीम के अधिकारियों ने छापा मारा है और तलाशी अभियान चला रहे हैं। सीबीआई के सूत्रों ने बताया है कि व्यवसायी रणधीर बरनवाल ने कोयला तस्करी से होने वाली ब्लैकमनी को बाजार में रेगुलेट कर सफेद करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
यह भी पता चला है कि कई बड़े नेताओं और पुलिस अधिकारियों के ब्लैकमनी भी इस कारोबारी के पास जमा रहते थे। कोयला तस्करी के सरगना अनूप मांझी उर्फ लाला के पास से बरामद दस्तावेजों की जांच के बाद बरनवाल के बारे में जानकारी मिली थी।
कोयला तस्करी के कारोबार में शामिल अनूप के सहयोगी जयदेव मंडल का बरनवाल के साथ संपर्क था। इन जगहों के साथ-साथ कांकुरगाछी, मानिकतला, आसनसोल और दुर्गापुर में भी अलग-अलग ठिकानों पर जांच पड़ताल चल रहे हैं।
यह भी पढ़ें: छोटे किसानों और उद्यमियों की आर्थिक तरक्की केंद्र की प्राथमिकताः मोदी
उल्लेखनीय है कि इस गैरकानूनी कारोबार में सीबीआई की टीम ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजीरा बनर्जी से भी पूछताछ की है। जांच अधिकारियों का दावा है कि कोयला तस्करी से होने वाली आय का बड़ा हिस्सा रूजीरा के बैंकॉक और लंदन स्थित खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।
इस मामले में सीबीआई ने अनूप मांझी की 70 चल-अचल संपत्तियों की जानकारी आसनसोल कोर्ट को दी है जिन्हें कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।