लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित जमीन को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने सोमवार को इस याचिका को खारिज किया।

दरअसल दिल्ली की दो महिलाएं रानी कपूर पंजाबी और रमा रानी पंजाबी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर कर मस्जिद के लिए दी गई पांच एकड़ भूमि को अपनी बताया था।
आज सुनवाई के दौरान उप्र सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता रमेश कुमार सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अयोध्या के धन्नीपुर में मस्जिद निर्माण के लिए आवंटित जो जमीन आवंटित की गई है, उसका गाटा संख्या याचिका में दिए गए गाटा संख्या से अलग है। ऐसे में गलत तथ्यों के कारण याचिका खारिज करने योग्य है।
अपर महाधिवक्ता की दलील के बाद याचिकाकर्ता के वकील एचजीएस परिहार ने भी अपनी गलती मानी और अदालत से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
गौरतलब है कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने सरकार को मस्जिद निर्माण के लिए पांच एकड़ भूमि देने के निर्देश दिए थे। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद उप्र सरकार ने मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या जिले की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को आवंटित की थी।
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