मां गंगा को पॉलिथीन प्रदूषण से बचाने के लिए शुक्रवार को नमामि गंगे के सदस्यों ने राजा चेतसिंह घाट सहित आसपास के घाटों पर जन जागरूकता अभियान चलाया। अभियान में शामिल युवाओं ने घाटों पर बढ़ रही गंदगी का हवाला देते हुए पॉलीथिन का प्रयोग नहीं करने की अपील की।
तलहटी में जमा पॉलिथीन नदी को बीमार बना रहा, जलीय जंतुओं की सेहत खतरे में
वेद पाठी बटुकों ने कपड़े का बैग घाट पर मौजूद लोगों में वितरित कर पॉलिथीन का प्रयोग न करने का संकल्प भी दिलाया। अभियान के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि हमें खुद को बदलना होगा। तभी चंहुओर स्वच्छता होगी। पॉलिथीन से हमें तौबा करना होगा। शहर में नाली व सीवर जाम की समस्या का सबसे बड़ा कारण पॉलिथीन ही है। उन्होंने कहा कि गंगा प्रदूषण के चुनिंदा कारणों में पॉलिथीन भी है। गंगा में पॉलिथीन कचरे का बोझ बढ़ रहा है। मां गंगा की सेहत की दृष्टि से यह भारी पड़ रहा है।
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शुक्ल ने कहा कि गंगा की तलहटी में जमा पॉलिथीन नदी को बीमार कर रहा है। इससे जलीय जंतुओं की सेहत भी खतरे में पड़ रही है। उन्होंने कहा कि लोग अपने साथ वजनी मोबाइल रख सकते हैं, तो कपड़े का बैग भी रख ले। कम से कम पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने बताया कि पॉलिथीन को गंगा जल में घुलने के लिए 100 वर्ष तक लग जाते हैं। ऐसे में पॉलिथीन को ना बोलना होगा। अभियान में शिवदत्त द्विवेदी, शिवम अग्रहरी, सीमा चौधरी, रश्मि साहू आदि शामिल रहे।