कहा, केन्द्र की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने को प्रभावी प्रयास जरूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट के परिप्रेक्ष्य में सभी सम्बन्धित विभागों को अपने-अपने प्रस्ताव भारत सरकार को समय से प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।
यह भी पढ़ें: ट्रैक्टर रैली हिंसा के आरोपियों पर टूटा अदालत का कहर, दे दिया बड़ा झटका
केन्द्रीय बजट को लेकर सभी विभाग अपने प्रस्ताव भारत सरकार को समय से भेजें: योगी
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए प्रभावी प्रयास किया जाना आवश्यक है। इसके दृष्टिगत सभी कार्यवाही समयबद्ध ढंग से की जाए।
मुख्यमंत्री मंगलवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि मण्डियों में गोदाम की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव उपलब्ध कराए जाएं।
मण्डियों को ई-नाम से जोड़ने के लिए कार्यवाही की जाए। उन्होंने आर्थिक रूप से सक्षम संस्थाओं को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अन्तर्गत क्रय एजेंसी नामित करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस व्यवस्था को अपनाने से किसानों को समय से उनकी उपज का भुगतान करने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को अधिकारी के रूप में सेना में भर्ती का अवसर उपलब्ध कराने तथा उनकी उत्तम शिक्षा व्यवस्था के उद्देश्य से प्रत्येक मण्डल में एक सैनिक स्कूल स्थापित किया जाना चाहिए। इसके दृष्टिगत उन्होंने केन्द्र सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के अपने बजट में जल जीवन मिशन के तहत नगरीय क्षेत्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया है। इसे ध्यान में रखते हुए शहरी इलाकों की पेयजल की योजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को समय से उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने अमृत योजना के अन्तर्गत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट के प्रस्ताव भी केन्द्र को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना तथा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के प्रस्ताव भी केन्द्र सरकार को भेजे जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के संचालन की कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की जा रही इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि गो-आश्रय स्थलों के संचालन के लिए समय से धनराशि उपलब्ध कराई जाए। स्थानीय जनता, समाज सेवी संस्थाओं आदि को भी इनके संचालन से जोड़ा जाए।
उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में महिलाओं द्वारा संचालित बालिनी डेयरी के बेहतर कार्य का उल्लेख करते हुए कहा कि डेयरी सेक्टर में इस प्रकार के प्रयास किसानों तथा पशु पालकों को लाभान्वित करते हैं।