कोरोना काल के समय बाल भिक्षुओं की संख्या में इजाफा होने के कारण प्रदेश सरकार ने इन बाल भिक्षुओं को चिन्हित कर एक विशेष कार्य योजना जनपदीय स्तर पर लागू की है। जिसके तहत बाल भिक्षुओं को शिक्षा की दिशा में प्रेरित करने और उनके माता-पिता को रोजगार देने का कार्य योगी सरकार द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति रोकने व बाल भिक्षुओं को सबल बनाने वाले इस विशेष अभियान को वाराणसी निवासी प्रतिभा सिंह बढ़ावा दे रहीं हैं।
वाराणसी के बाल भिक्षुओं की जिंदगी को संवार रहीं प्रतिभा सिंह
प्रतिभा सिंह ने अपने घर को स्कूल में तब्दील कर भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उनको मिड डे मील की सुविधा भी मुहैया करा रही हैं। उन्होंने अब तक ऐसे करीब 118 बच्चों को शिक्षित कर उनका दाखिला कान्वेंट स्कूल में करा चुकी हैं। जरूरतमंद महिलाओं और युवाओं को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ दूसरे लोगों के समक्ष एक नजीर पेश की है।
शिक्षा की दिशा में बाल भिक्षुओं को कर रहीं प्रेरित
बाल भिक्षुओं के हाथों में किताब थमाने वाली प्रतिभा ने बताया कि पिछले सात सालों से मैं जरूरतमंद परिवारों व बच्चों के भविष्य को संवारने का काम कर रही हूं। आस-पास के इलाकों में बाल भिक्षुओं की बढ़ती संख्या को देख मैंने अपने ही घर में इन जरूरतमंद बच्चों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया। जिसके बाद दूसरे लोग भी इन बाल भिक्षुओं की मदद को आगे आने लगे। इसके साथ ही झुग्गी-झोपड़ी व मलिन बस्तियों में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों व उनके अभिभावकों को प्रोत्साहित किया। जिससे धीरे-धीरे बाल भिक्षुओं के कदम शिक्षा की दिशा में बढ़ने लगे।
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बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ योगी सरकार की मुहिम ला रही रंग
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से दूसरे प्रदेशों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके द्वारा प्रदेश में बाल भिक्षावृत्ति के विरूद्ध शुरू किए गए अभियान से जबरन बाल भिक्षा मंगवाने वालों पर कार्रवाई किए जाने से बाल भिक्षावृत्ति पर लगाम लगेगी।