उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में मिशन शक्ति अभियान के तहत शुक्रवार को महिला कल्याण विभाग बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ मिलकर शक्ति चैपियंस के कार्यक्रम को आयोजित करेगा। इस कार्यक्रम के तहत ग्राम, ब्लॉक और जनपद स्तर में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, संरक्षण व हिंसा पर लगाम लगाने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे लोगों को चिन्हित कर उनको जिलाधिकारी के माध्यम से पहचान पत्र और बैच दिलवाए जाएंगे।
बता दें कि यूपी में महिला कल्याण विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने मिलकर अब तक चार करोड़ 76 लाख 03 हजार 601 ग्रामीण व शहरी बच्चों को जागरूक किया है। वन स्टॉप सेंटर, चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति, बाल आयोग व विभाग की ओर से प्रदेश भर में अभियान के तहत नवंबर में प्रति दिन विशेष कार्यक्रमों को आयोजित कर मिशन शक्ति को ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है।
‘शक्ति चैपियंस’ के हाथों होगी महिलाओं को ‘सशक्त’ बनाने की कमान
शक्ति चैपियंस सभी जनपदों में ग्राम व ब्लॉक स्तर पर महिलाओं और बच्चों के मुद्दों पर जमीनी स्तर पर काम व जागरूकता अभियान का संचालन करेंगी। जिसके तहत महिलाओं व बच्चों को उनके अधिकारों व कानूनों के प्रति जागरूक करने संग ग्राम स्तर पर गठित मंगल दल का अभिमुखीकरण करते हुए उनके द्वारा महिलाओं व बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा की रिपोर्टिंग हेतु पैरवी की जाएगी। ये मंगल दल और ग्राम समिति बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, महिला शोषण को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगीं।
शक्ति चैपियंस पुलिस को देंगी रिर्पोट
घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, शारीरिक व मानसिक शोषण बाल विवाह, बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, यौनिक हिंसा समेत अन्य अपराधों के बारे में शक्ति चैपियंस पुलिस व हेल्पलाइन नंबरों पर रिपोर्ट देंगी। इसके साथ ही शक्ति चैपियंस सभी हेल्पलाइन जैसे 1090, 108, 112, 102, 1076 व 181 का प्रचार-प्रसार करेंगी। पंचायत भवन, नगर निगम, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य केन्द्र व अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर महिला कल्याण विभाग, जिला प्रशासन व अन्य विभागों के सहयोग से पोस्टर, बैनर समेत जागरूकता कार्यक्रमों को सुनिश्चित करेंगी।
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असुरक्षित स्थानों की करेंगी मैपिंग
ग्राम या वार्ड में असुरक्षित स्थानों की मैपिंग कर संबधित विभागों व अधिकारियों से पैरवी कर समाधान उपलब्ध कराने का कार्य शक्ति चैपियंस करेंगी। जिसके तहत विद्यालय के पास शराब की दुकान,विद्यालय के समय आस-पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, किसी घर में महिला या बच्चे के साथ किसी प्रकार की हिंसा होना, आने-जाने वाले रास्ते में लाइट न होने से अंधेरे में असुरक्षित माहौल, शौचालय, भेदभाव रहित वातावरण का न होना, घरों में शौचालय की व्यवस्था का न होना जैसे विषयों के बारे में जानकारी साझा करेंगी।