आजादी के बाद से वर्ष 2013 तक विदेश से भारत की विरासत लौटाकर लाने के नाम पर सिर्फ 13 प्राचीन प्रतिमाएं लाई गईं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आठ वर्ष के कार्यकाल में 229 प्रतिमाएं लाई गई हैं।
खजुराहो में आयोजित की जा रही जी-20 की पहली सांस्कृतिक बैठक इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह बात केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कही। वे एक होटल में मीडिया से बात कर रहे थे। रेड्डी ने कहा कि ये वह प्रतिमाएं हैं जो मुगल और अंग्रेज उठा ले गए थे। जिन्हें आजादी से पहले विदेश भेज दिया गया था। इनमें से 20 प्रतिमाएं खजुराहो में रखी जा रही हैं।
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उन्होंने कहा कि यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह भारत की संस्कृति, यहां की विरासत और इसके वैभव को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की प्रमुख कड़ी है। बैठक में आने वाले 20 देशों के प्रतिनिधि सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा करेंगे। केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार, खजुराहो सांसद वीडी शर्मा ने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। गुरुवार को आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खजुराहो पहुंच गए हैं।