वायनाड । केरल के वायनाड जिले में बीते मंगलवार को भोर सुबह हुई भीषण बारिश के भूस्खलन की घटना से क्या केरल बल्कि पूरा देश दुखी है? घटना ऊंचाई पर स्थित मुंडक्कई सहित कई गांवों में हुई है। जो गांव कभी सैलानियों के लिए आकर्षक का केंद्र हुआ करता था, आज वहां हर तरफ मौत का मंजर दिखाई दे रहा है।
अब हर तरह कुदरत की विनाशलीला के निशान दिखाई पड़ रहे हैं। वहां रहने वाले लोग अपनों की जिंदगीयों को खोजने में लगे हुए हैं। घटना के बाद से धीरे धीरे लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, जो कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूस्खलन से जो लोग मलबे में दबे गए हैं, अब उनके बेजान शरीर बरामद हो रहे हैं, जिससे मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। इस घटना में मंगलवार को सुबह से लेकर बुधवार सुबह तक 151 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अभी भी 220 से अधिक लोग लापता हैं, जबकि 128 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
घटनास्थल पर सेना, एनडीआरएफ, नेवी और एयरफोर्स की टीमें राहत बचाव अभियान में अभी भी लगी हुई हैं। टीमों ने कल से लेकर आज तक टीमों ने बड़ी संख्या में मलबे से लोगों को बाहर निकाल है। राहत बचाव अभियान में लगी टीमों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
भूस्खलन से हर तरह फैले मबले को हटाने के साथ मौसम से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने जिले के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया हुआ है। इस वजह से वाडनाड जिले का मौसम खराब है। केरल सरकार ने इस त्रासदी के कारण दो दिन के शोक का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, राज्य सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से बेहद दुखी है। मुख्य सचिव वी वेणु की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य में 30 और 31 जुलाई को राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रम व उत्सव रद्द रहेंगे।
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