कहां है बाल्मीकि आश्रम? यहां सीएम ने हवन के बाद गोमाता का पूजन किया

चित्रकूट। बिहार चुनाव में ताबड़तोड़ रैलियां करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे महर्षि बाल्मीकि आश्रम, लालापुर पहुंचे। आश्रम से पहले उन्होंने असावर मंदिर में मां असावर माता के दर्शन किए।

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मंदिर में असावर माता व महर्षि बाल्मीकि की पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री पर्वत के शिखर पर स्थित बाल्मीकि आश्रम पहुंचे। यहां आश्रम के महंत भरतदास महाराज ने उनकी अगवानी की। मुख्यमंत्री ने आश्रम में अखण्ड रामायण पाठ का शुभारंभ किया। आश्रम में पूजा-अर्चना के बाद सीएम यहां पर्यटन से संबंधित कई कार्यों का शिलान्यास कर जनसभा को भी संबोधित करेंगे। चित्रकूट पहुंचने पर हेलीपैड पर राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, सांसद आरके पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे, मानिकपुर विधायक आनन्द शुक्ला आदि ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। प्रशासन ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

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बता दें कि आदिकवि महर्षि वाल्मीकि ने लालापुर स्थित पर्वत के शिखर की गुफा में तपस्या की थी। उनका यहीं पर आश्रम माना जाता है। उनकी 31 अक्तूबर शनिवार को जयंती है।

बाल्मीकि आश्रम

महर्षि बाल्मीकि की तपोस्थली लालापुर चित्रकूट-इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग में है। झुकेही से निकली तमसा नदी इस आश्रम के समीप से बहती हुई सिरसर के समीप यमुना में मिल जाती है। पूरी पहाडी पर अलंकृत स्तंभ और शीर्ष वाले प्रस्तर खंड बिखरे पडे हैं जिनसे इस स्थल की प्राचीनता का बोध होता है। यहां पर चंदेलकालीन आशांबरा देवी का मंदिर भी है। यहां भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए संस्कृत विद्यालय भी है। कहा जाता है कि वाल्मीकि जी ने रामायण की रचना यहीं पर की थी, जो कि संस्कृत भाषा का आदि काव्य माना जाता है वनवास के समय भगवान श्रीराम यहां आकर वाल्मीकि जी से अपने निवास के लिए स्थान पूछा, तो श्री महर्षि जी ने चित्रकूट में रहने के लिए निर्देश किया था- जैसे श्री तुलसीदास जी मानस में कहा है- चित्रकूट गिरी करहु निवासू। जहँ तुम्हार सब भाँति सुपासू।