कानपुर में शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में उपद्रव के मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया का भी कनेक्शन होने की आशंका है। देश में कई दंगों के साथ उपद्रव के मामलों में इस संगठन की भी साजिश रहती है, इसी कारण कानपुर के बवाल में इसकी साजिश का शक जताया जा रहा है। कानपुर में अब हालात नियंत्रण में हैं। कई बटालियन पीएसी के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स की टीमों ने रात में ही दंगाई पर नियंत्रण पा लिया।
कानपुर के पुलिस कमिश्नर वीएस मीणा ने गृह विभाग तथा पुलिस के आला अधिकारियों को जो इनपुट दिया है, उसमें अचानक हुए उपद्रव में पीएफआइ के कनेक्शन की भी आशंका जताई है। अब पीएफआइ के कनेक्शन की भी जांच प्रारंभ हो गई है। कानपुर के नई सड़क क्षेत्र में शुक्रवार को उपद्रव के मामले में 55 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है जबकि हजार अज्ञात पर भी नजर है। पुलिस रात भर दबिश देकर अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था संभालने पीएसी की कई कंपनियां कानपुर में आ चुकी हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई या किसी अन्य संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है।
कानपुर में राष्ट्रपति-PM के दौरे के बीच जुमे की नमाज के बाद बवाल, पुलिस पर चले पत्थर
कानपुर हिंसा मामले पर पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने कहा कि हमने सुरक्षाकर्मियों को संक्षिप्त में समझाया कि सब सतर्क और सजग रहकर ड्यूटी करें। हम लोग एक रूट मार्च फूट पेट्रोलिंग भी कर रहे हैं ताकि आम जनता में विश्वास बने। यहां पर्याप्त पुलिस बल तैनात है। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा कि प्रशासन से बातचीत के बाद कानपुर बंद का ऐलान करने वाले संगठन ने अपने इस बंद को वापस ले लिया था, लेकिन हिंसा अचानक भड़की।