मुंबई : महाराष्ट्र में राज्य खुफिया विभाग (एसआईडी) की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला के खिलाफ गैर-कानूनी तरीके से शिवसेना-एनसीपी के नेता संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन टैपिंग कराने को लेकर दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बीच मुंबई पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया है कि असामाजिक गतिविधियों में संलिप्तता के मामले में फोन टेप किया गया था. समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के अनुसार, मुंबई पुलिस ने कहा कि असामाजिक तत्व के तौर पर शिवसेना और एनसीपी के नेता संजय राउत और एकनाथ खडसे के फोन टेप किए गए थे.
मुंबई पुलिस ने आगे कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि राज्य खुफिया विभाग की ओर से फोन टैपिंग के लिए एसीएस होम को भेजी गई चिट्ठी में असामाजिक तत्व के तौर पर अन्य कई नामों का भी जिक्र किया गया था. तभी एसीएस होम की ओर से इन नेताओं के फोन को टेप करने की अनुमति दी गई थी. मुंबई पुलिस ने कहा कि इसके बाद एनसीपी नेता एकनाथ खडसे का फोन 67 दिन और शिवसेना के नेता संजय राउत के फोन 60 दिनों तक टेप किए गए.
बताते चलें कि महाराष्ट्र के राज्य खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख के खिलाफ मुंबई के कुलाबा पुलिस स्टेशन में अवैध रूप से फोन टैपिंग के आरोप में मामला दर्ज है. थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, राज्य खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला अपने कार्यकाल के दौरान शिवसेना नेता और राज्यसभा के सांसद संजय राउत और एनसीपी के कद्दावर नेता एकनाथ खडसे का फोन गैर कानूनी ढंग से टैप किया गया था.
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को जांच के दौरान पता चला की संजय राउत का फोन 60 दिनो तक टैपिंग पर रखा गया था. वहीं राष्ट्रवादी कोंग्रेस पार्टी के नेता एकनाथ खडसे का फोन 67 दिनो तक टैपिंग पर रखा गया था. इससे पहले मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि शिवसेना नेता संजय राउत का फोन टैप एक बार हुआ, जो कि करीब 60 दिनों तक के लिए टैपिंग पर रखा गया था. वहीं, एनसीपी नेता एकनाथ खडसे का फोन दो बार टैपिंग पर रखा गया था. पहली बार 7 दिनों के लिए और दूसरी बार 60 दिनों के लिए रखा गया था.