लखनऊ। आयकर विभाग में डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग पर कथित हमले के आरोप में वरिष्ठ IRS अधिकारी योगेंद्र मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। उन्हें बंगाल-सिक्किम रीजन से संबद्ध कर दिया गया है। इस मामले ने प्रशासनिक गलियारों में खलबली मचा दी है, वहीं यह प्रकरण अब सियासी रंग भी ले चुका है।
निलंबन के बाद योगेंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी कर खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने लिखा, यह कानून नहीं, ईमानदारी का बदला है। योगेन्द्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ कार्रवाई एक सुनियोजित साजिश है, जिसमें समाजवादी पार्टी, डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग और उत्तर प्रदेश पुलिस की मिलीभगत है।
उन्होंने दावा किया कि उन पर दर्ज केस राजनीतिक दबाव और मीडिया नरेटिव के आधार पर किया गया है। उन्होंने लिखा, मेरे खिलाफ FIR का कोई कानूनी आधार नहीं है। यह सिर्फ दबाव और बदले की राजनीति है।घटना के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए एक्स पर प्रतिक्रिया दी थी। इससे पहले ही मामला राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ चुका था।
इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या प्रशासनिक कार्यों में राजनीतिक दखल आम होता जा रहा है? एक वरिष्ठ अफसर का इस तरह सार्वजनिक रूप से बयान देना और सत्ताधारी दल पर आरोप लगाना प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाता है।
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