चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शपथ लेने के एक दिन बाद बुधवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए दो घंटे का समय तय किया है।
विश्वास प्रस्ताव रखे जाने और इस पर चर्चा शुरू होने पर जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक देवेंद्र सिंह बबली, राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह, राम निवास और जोगी राम सिहाग सदन से बाहर चले गए। जजपा ने बुधवार को व्हिप जारी कर अपने 10 विधायकों को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान सदन से अनुपस्थित रहने को कहा है। राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज सदन में मौजूद हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्ताव पेश करने से पहले, कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से जल्दबाजी में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर सवाल पूछा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, कोई आपात स्थिति नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि विधायकों को पर्याप्त समय नहीं दिया गया। पार्टी विधायक बी बी बत्रा ने पूछा, सत्र बुलाने की इतनी जल्दी क्या थी?
हुड्डा ने अध्यक्ष से सत्र को कम से कम एक घंटे के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया ताकि विधायक विधानसभा पहुंच सकें। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि सदन में समय पर पहुंचना सदस्यों का कर्तव्य है। गुप्ता ने कहा, चर्चा होने दीजिए और इस बीच सदस्य सदन में पहुंच सकते हैं। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में, भाजपा के 41 सदस्य हैं और उसे सात में से छह निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है। सदन में जजपा के 10 विधायक हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 30 विधायक हैं जबकि इंडियन नेशनल लोकदल का एक विधायक है।
मनोहरलाल खट्टर के अचानक से अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री पद से मंगलवार को इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सैनी के हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनने की घोषणा की। मंगलवार शाम को शपथ लेने के बाद सैनी ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को 48 विधायकों के समर्थन का एक पत्र सौंपा है और उनसे भाजपा सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए बुधवार को विधानसभा सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने के संकेतों के बीच यह विश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। हालांकि गठबंधन टूटने को लेकर अब तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है।