प्रयागराज। विश्व के सबसे विशाल, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम ‘महाकुंभ 2025’ का भव्य शुभारंभ सोमवार को तीर्थराज प्रयागराज में हुआ। पौष पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त श्रद्धालुओं, संतों, महात्माओं, कल्पवासियों और आगंतुकों का स्वागत करते हुए महाकुंभ के प्रथम स्नान की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक है। यह आयोजन ‘अनेकता में एकता’ की भावना को सजीव करता है। मां गंगा की पवित्र धारा में स्नान और साधना करने आए सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण हों। उन्होंने महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों की जानकारी भी दी।
सुविधाओं पर विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार महाकुंभ के आयोजन को अधिक व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाने के लिए स्वच्छता, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, यातायात और आवासीय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया है। संगम तट और आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और सेवाओं का उपयोग किया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल और विशेष सुरक्षा दस्ते तैनात किए गए हैं।
संगम तट पर श्रद्धा का सैलाब
पौष पूर्णिमा के दिन लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। देश-विदेश से आए श्रद्धालु गंगा की पवित्रता और महाकुंभ की आध्यात्मिकता में डूबे नजर आए। संगम तट पर मंत्रोच्चार, भजन, कीर्तन और धार्मिक आयोजनों का अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। महाकुंभ में आए श्रद्धालुओं ने इसे अपने जीवन का सबसे पवित्र और अद्वितीय अनुभव बताया।
सनातन संस्कृति का गौरव
मुख्यमंत्री ने कहा, महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति का वैश्विक गौरव भी है। यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत को समझने और एकता की भावना को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं और आगंतुकों से अपील की कि वे इस अद्भुत और पवित्र आयोजन का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा, “आइए, महाकुंभ 2025 में सहभागी बनें और सनातन संस्कृति की इस गौरवशाली परंपरा का हिस्सा बनें। मां गंगा की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से परिपूर्ण हो।”
महाकुंभ 2025 में कई विशेष आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दुनिया भर से विद्वान, संत और कलाकार शामिल हो रहे हैं। आध्यात्मिक प्रवचन, योग सत्र, धार्मिक जुलूस और भारतीय शिल्प एवं व्यंजन मेले महाकुंभ के मुख्य आकर्षण हैं।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाने वाला पर्व है, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है। इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से पापों से मुक्ति और आत्मिक शुद्धि की अनुभूति होती है।