लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान हमने तीन वर्षों में जितने लोगों को खोया उससे कहीं अधिक लोग हम सड़क दुर्घटनाओं में हर साल खो रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में परिवहन विभाग की विभिन्न सेवाओं की शुरूआत और डिजिटल लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
उन्होंने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि परिवहन विभाग प्रदेश के सार्वजनिक परिवहन का सबसे बड़ा माध्यम है और इसे विकसित भारत की परिकल्पना का सारथी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के पास देश में सबसे बड़ा बेड़ा है और इतनी बड़ी संख्या में सेवाएं देना अपने आप में एक उपलब्धि है लेकिन इसके साथ ही चुनौतियां भी कम नहीं हैं।
योगी ने कहा, “सड़क सुरक्षा प्रदेश के लिए एक गंभीर चुनौती है। कोरोना काल के तीन वर्षों में जितनी जानें नहीं गईं, उससे अधिक लोग हर साल सड़क हादसों में मारे जाते हैं। इनमें अधिकतर युवा होते हैं, जिससे परिवार उजड़ जाते हैं। यह समाज और सरकार दोनों के लिए चिंता का विषय है।”
उन्होंने कहा कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है और अगर किसी यात्री की जान बचती है तो यह विभाग की सकारात्मक छवि बनाता है लेकिन लापरवाही से जान जाने पर न केवल विभाग की बदनामी होती है बल्कि आर्थिक क्षति भी होती है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बस चालकों का नियमित मेडिकल और शारीरिक परीक्षण हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से कराया जाए।
उन्होंने कहा कि विशेष रूप से आंखों की जांच जरूरी है ताकि दृष्टि दोष के कारण दुर्घटनाएं न हों।
योगी ने कहा कि सड़क पर अंदाजे से गाड़ी चलाने की छूट नहीं दी जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या विभाग की नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग, गांव-शहर, युवा-बुजुर्ग, महिला-पुरुष की साझा जिम्मेदारी है और जब सभी लोग इसमें जुड़ेंगे तो सड़क हादसों को न्यूनतम स्तर तक लाया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा विकसित एक ऐप के जरिए अत्यधिक दुर्घटना वाले क्षेत्रों की पहचान की गई, जिससे कई स्थानों पर हादसों की संख्या घटकर महीने में 18 से घटकर तीन तक हो गई।