कर्नाटक में दीक्षांत समारोह में RSS चीफ मोहन भागवत ने बढ़ती जनसंख्या पर बड़ा बयान देते हुए कहा की खाना खाना और आबादी बढ़ाना तो जानवरों का काम है। ये तो जंगलराज में होता है। इंसान को भगवान ने बुद्धि दी है जो उसे जानवरों से अलग बनाती है।

RSS चीफ मोहन भागवत ने अपने भाषण के दौरान बताया जंगल राज और इंसानियत में क्या फर्क होता है और कहा की ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का कानून है लेकिन इंसानों में जब ताकतवर दूसरे की रक्षा करता है तो ये ही इंसानियत की निशानी है.उन्होंने आगे कहा की मनुष्य के पास अगर बुद्धि नहीं होती तो वो पृथ्वी पर सबसे कमजोर प्राणी होता। लेकिन कभी संज्ञानात्मक आवेग मनुष्य के जीवन में आया जिसने उसे सर्वश्रेष्ट बनाया मगर केवल खाना-पीना और प्रजा बढ़ाना, ये काम तो पशु भी करते हैं.
उन्होंने आगे कहा की सुखवाद से दूर रहने के लिए संयम का संस्कार होना चाहिए। हमें संघ के विभिन्न संगठनों की सामूहिक सहभागिता के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए कड़ा परिश्रम करना होगा।
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RSS चीफ मोहन भागवत ने आगे कहा की सिर्फ जिंदा रहना ही ज़िन्दगी का उदेश्य नहीं है बल्कि मनुष्य के कई कर्तव्य होते है जिसका निर्वाहन उन्हें समय -समय पर करना चाहिए। समारोह में संघ प्रमुख ने भारत के विकास पर भी काफी बात की. उनके मुताबिक पिछले कुछ सालों में देश ने काफी प्रगति की है, काफी विकास देखा है. इस बारे में वे कहते हैं कि इतिहास की बातों से सीखते हुए और भविष्य के विचारों को समझते हुए भारत ने पिछले कुछ सालों में अपना ठीक विकास किया है.
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