मथुरा के कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर की कथा सुनने के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है. वह अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. इसी बीच वह टीवी9 भारतवर्ष के स्टूडियो पहुंचे. उन्होंने हिंदू धर्म और हिंदू समुदाय के लोगों को लेकर बात की, जब उनसे पूछा गया कि वह आजकल गुस्से में क्यों हैं तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अगर ये गुस्सा सभी हिंदुओं में आ जाए तो उन्हें गुस्सा करने की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी.
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अगर मंदिर के प्रसाद में जानवर की चर्बी मिला दी जाए, तो क्या गुस्सा नहीं आएगा. अगर हमारे प्रसाद में चर्बी मिला दी जाए और तब भी हमें गुस्सा नहीं आता है, तो हम जिंदा नहीं मरे हुए के समान हैं. इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार पर भी बात की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हमारी बहन बेटियों की इज्जत तार-तार की गई. अमेरिका के प्रेसिडेंट ने कहा कि हिंदुओं के साथ बुरा हुआ लेकिन इस देश के जो तथाकथित नेता हैं और जो सत्ता में बैठना चाहते हैं. उन्हें तकलीफ होती है?
देवकीनंदन ठाकुर ने पूछा सवाल
यही नहीं, उन्होंने आगे किसी भी नेता का नाम लिए बिना कहा कि अब कह दिया गया है कि मंदिर में आतंकवादी रहते हैं लेकिन उनके अंदर भी सनातनी है. बस वो वोट बैंक की खातिर चुप बैठे हैं लेकिन मैं उनसे सवाल पूछना चाहता हूं कि उस वोट बैंक का क्या करोगे, जिसकी वजह से हिंदू ही समाप्त हो जाएं, हिंदू संस्कृति समाप्त हो जाएं और हमारा देश ही समाप्त हो जाएं.
राहुल गांधी को लेकर कही ये बात
देवकीनंदन ठाकुर ने आगे कहा, “मेरा मानना है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से सारे हिंदू बुला लेने चाहिए. जो गैर भारतीय हैं, जो जबरदस्ती 8-9 करोड़ इस देश में रह रहे हैं. उन्हें उनके देश भेज देना चाहिए, जिससे के सारे हिंदू सुरक्षित रहें. यह बात तो राहुल गांधी जी को कहनी चाहिए कि अगर बांग्लादेश में हिंदुओं के पर अत्याचार हो रहा है, तो सरकार उन्हें भारत वापस लेकर आए.”
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देवकीनंदन और सनातनी ही बहुत हैं
जब उनसे पूछा गया कि क्या आपकी नाराजगी विपक्ष में बैठे हुए लीडर्स से है. इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष के लीडर्स में भी बहुत पावर होती है लेकिन हम सनातनी हैं और हम दोनों पक्षों से आशा करते हैं. दोनों ही पक्षों में सनातनी हैं और सनातनियों को सनातनियों की चिंता करनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में जिन लोगों से हमारे धर्म को असुरक्षा हैं. ऐसे लोगों के लिए देवकीनंदन और सनातनी ही बहुत हैं. बस ये लोग जाग जाएं, खड़े हो जाएं कि हमें सनातन बचाना है.