बीएसएफ कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 20 दिन पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद सुरक्षित भारत लौट आए हैं। 40 वर्षीय शॉ पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे और 23 अप्रैल को गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।
घटना के बाद बीएसएफ ने शॉ की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तानी रेंजर्स के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया। भारत की ओर से लगातार फ्लैग मीटिंग्स और राजनयिक माध्यमों से संपर्क बनाए रखा गया। इन प्रयासों के बाद अब शॉ की **वापसी संभव हो सकी।
शॉ की पत्नी रजनी शॉ, जो गर्भवती हैं, इस कठिन समय में लगातार बीएसएफ अधिकारियों से संपर्क में रहीं। उन्होंने पठानकोट और फिरोजपुर में बीएसएफ के कमांडरों से मुलाकात की। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी रजनी शॉ से बात की और उन्हें सांत्वना और समर्थन दिया।रजनी ने मीडिया से बातचीत में कहा था, “सीजफायर के बाद मुझे उम्मीद है कि मेरे पति सुरक्षित लौटेंगे। मुझे भगवान पर भरोसा है।
इस बीच, भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK में स्थित आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत 6-7 मई की रात जोरदार एयर स्ट्राइक की थी। इस हमले में पाकिस्तान की एयरफोर्स को भारी नुकसान हुआ। इसके चलते दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया।
हालांकि, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर सहमति बनी। अब दोनों ही देश सीमा पर तैनात सैनिकों की संख्या कम करने की योजना पर विचार कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।
हुगली जिले के रिशरा निवासी पूर्णम कुमार शॉ की वापसी से उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। देशभर से लोग उनकी साहसिक सेवा और परिवार की मजबूती की सराहना कर रहे हैं।