हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत द्वारा निरस्त कृषि कानूनों को लेकर दिया गया बयान बीजेपी के लिए फांस बनता नजर आ रहा हैं। अब भाजपा ने उनके इस बयां से खुद को अलग कर लिया है। भाजपा ने कंगना रनौत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई टिप्पणी उनकी निजी राय थी और यह पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
दरअसल,सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कंगना रनौत के बयान पर प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो में उन्होंने कहा कि अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के बारे में उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
भाटिया ने कहा कि भाजपा उनके बयान को अस्वीकार करती है और वह इस मामले पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान पार्टी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर यह वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई द्वारा पोस्ट किया गया है।
आपको बता दें कि पत्रकारों से बात करते हुए मंडी से सांसद कंगना रनौत ने कहा था कि मुझे लगता है कि किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई होनी चाहिए। यह विवादास्पद हो सकता है, लेकिन मेरा मानना है कि नुकसान की भरपाई होनी चाहिए और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए ताकि उन्हें नुकसान न उठाना पड़े।
उन्होंने कहा कि देश के विकास में किसान हमारी ताकत का स्तंभ हैं। इसलिए मैं चाहती हूं कि वे खुद अपील करें कि जिन तीन कानूनों पर केवल कुछ राज्यों ने आपत्ति जताई थी, उन पर सभी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार किया जाना चाहिए। मैं हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूं कि सभी किसानों के हित में इन कानूनों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
इसके पहले कंगना ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि किसान आंदोलन के जरिए भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की तैयारी थी। उन्होंने कहा कि जो बांग्लादेश में हुआ है वो यहां (भारत) होते हुए भी देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व सशक्त नहीं होता।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थीं, वहां रेप हो रहे थे। किसानों की बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह के षड्यंत्र… आपको क्या लगता है किसानों…? चीन, अमेरिका… इस तरह की विदेशी शक्तियां यहां काम कर रही हैं।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine