यूपी में MBBS सीटों में बड़ी बढ़ोतरी: सीएम योगी

  • एमबीबीएस सीटों की संख्या 2017 में 1,190 थी, जो अब बढ़कर 5,250 हो गई है

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रदेश में बिजली, कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुए ऐतिहासिक बदलावों को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में बिजली संकट गहरा था, लेकिन आज प्रदेश के हर कोने में निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ चुका है। ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ने प्रदेश की तस्वीर बदल दी है। सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें धरातल पर उतारा है, जिससे प्रदेशवासियों का विश्वास और मजबूत हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे, तहसीलों में 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 से 20 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार हर मजरे तक विद्युतीकरण सुनिश्चित कर रही है। 2017 से अब तक 24,800 करोड़ रुपये की लागत से 193 नए सब-स्टेशन का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कानपुर में 600 मेगावाट की घाटमपुर तापीय परियोजना की पहली इकाई दिसंबर 2024 में पूरी हो चुकी है, जबकि शेष दो इकाइयां मई और अगस्त 2025 तक पूरी हो जाएंगी। प्रदेश में 9926 नए ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए, 28,602 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई और 1,88,000 निजी नलकूपों को बिजली कनेक्शन दिए गए।

उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश ने बड़ी छलांग लगाई है। 2017 तक कुल 288 मेगावाट की ग्रीन एनर्जी परियोजनाएँ थीं, जो अब बढ़कर 2653 मेगावाट हो गई हैं। इसके अलावा, 508 मेगावाट की सोलर रूफटॉप परियोजनाएँ विभिन्न सरकारी भवनों पर स्थापित की गई हैं। सरकार 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में केवल 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन आज सभी 75 जिलों में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना सुनिश्चित की गई है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन में सरकार को बड़ी सफलता मिली है।

2017 से पहले यह बीमारी हजारों बच्चों की जान लेती थी, लेकिन आज इसमें 99% तक की कमी आ चुकी है। डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर भी प्रभावी नियंत्रण हुआ है। 2017 की तुलना में डेंगू से मृत्यु दर में 95% और मलेरिया के मामलों में 56% की कमी आई है। हर जिले में डायलिसिस सुविधा, ब्लड बैंक और प्लेटलेट्स बैंक की स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना में उत्तर प्रदेश सबसे अधिक गोल्डन कार्ड बनाने वाला राज्य है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत उन लोगों को भी मुफ्त इलाज का लाभ मिल रहा है, जो आयुष्मान योजना में कवर नहीं थे।

एमबीबीएस सीटों की संख्या 2017 में 1,190 थी, जो अब बढ़कर 5,250 हो गई है। निजी मेडिकल कॉलेज में सीटों की संख्या 2550 से बढ़कर के 6550 हुई है। पीजी सीटों की संख्या 741 से बढ़कर 1,871 हो गई है। निजी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज में 2017 के तुलना में सीटों की संख्या 480 से बढ़कर के 3100 हुई है इसके अलावा सरकारी मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी की सुविधा भी उपलब्ध करवाने की कार्रवाई की गई है और इसमें सीट भी बढ़ी है।

एसजीपीजीआई में आठ नए विभाग के कार्यक्रम भी प्रारंभ हुए हैं। आईआईटी कानपुर में 500 बेड एक सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय के निर्माण की कार्यवाही में राज्य सरकार योगदान दे रहा है, जिसमें स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी इस कार्यक्रम भी पूर्ण करने में राज्य सरकार पूरी सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य कर रही है।