ओवैसी ने हिंदुत्व पर उठाई उंगली, मुस्लिमों और दलितों के लिए बुलंद की आवाज

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हिंदुत्व को लेकर आवाज बुलंद करते हुए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। इस बार उन्होंने अनलॉफुल एक्टिविटिज प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) को मुस्लिम और दलितों पर अत्याचार करने का माध्यम बताया है। उनका कहना है कि यूएपीए खराब कानून है जिसका इस्तेमाल निर्दोष मुस्लिमों, दलितों और सरकार पर सवाल खड़े करने वालों के खिलाफ किया जाता है।

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर UAPA पर उठाए सवाल

ओवैसी ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर एक ट्वीट करते हुए लिखा कि यह साफ हो चुका है कि UAPA एक कठोर कानून है और इसका इस्तेमाल केवल निर्दोष मुस्लिमों, दलितों और असंतुष्टों को कैद करने के लिए किया जाता है। दशकों से मुस्लिम और दलित युवाओं पर अत्याचार और उन्हें कलंकित करने के लिए ‘रेडिक्लाइजेशन’ का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

ओवैसी ने कहा कि यह विश्वास करना मुश्किल है कि अब यह धर्म तटस्थ होने जा रहा है। बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने लिंचिंग करने वालों को माला पहनाकर स्वागत किया था। आतंकवाद के मामलों में आरोपी बीजेपी की एक सांसद ने गांधी के हत्यारे के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।

ओवैसी ने शनिवार सुबह ट्वीट किया कि हिंदुत्व इस झूठ पर बना है कि केवल एक समुदाय के पास सभी राजनीतिक शक्ति होनी चाहिए और मुसलमानों को राजनीति में भाग लेने का कोई अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद और विधानसभाओं में हमारी अधिक उपस्थिति हिंदुत्व संघ के खिलाफ चुनौती का काम करेगी, अगर अपनी मौजूदगी कायम कर पाए तो जश्न मनाएंगे।

अगले वर्ष होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे असदुद्दीन ओवैसी ने लगातार मुस्लिमों के पक्ष में आवाज बुलंद करते रहते हैं। इसके पहले उन्होंने कहा था हिंदुत्व संघ संसदीय राजनीति में मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व के खिलाफ है। क्योंकि संसद और विधानसभाओं में मुस्लिम प्रतिनिधित्व ही संघ को चुनौती दे सकता है। 

यह भी पढ़ें: नगरोटा एनकाउंटर: पाकिस्तान की काली करतूत का पर्दाफाश , भारत ने उठाया सख्त कदम