उत्तराखंड में इस साल की कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में कांवडि़यों के जुटने का रिकॉर्ड बन सकता है। राज्य सरकार इस साल कांवड़ यात्रा के लिए अनुमानित चार करोड़ यात्रियों की मेजबानी कर रही है। इस वर्ष लगभग 4 करोड़ तीर्थयात्रियों की संभावना जताई जा रही है। 2019 में राज्य में करीब 3 करोड़ कांवड़ यात्री आए थे। सारे तीर्थयात्री उत्तर और मध्य भारत से शिव, गंगा की पूजा और गंगा के पवित्र जल को इकट्ठा करने के लिए अपने गृह और गृह राज्यों की यात्रा करने से पहले पहुंच रहे हैं। 2020 और 2021 में कोविड -19 के कारण दो साल के अंतराल के बाद शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में इस साल ‘रिकॉर्ड’ संख्या में कांवडि़यों के आने की उम्मीद है।
यहां हरिद्वार आने वाले तीर्थयात्रियों के सबसे अधिक जुटने का इंतजार है। यात्रा 14 जुलाई से शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने हाल ही में कहा था कि कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में कांवड़ यात्रा को निरस्त कर दिया गया था।
हरिद्वार और आसपास के इलाकों को यात्रा के लिए 12 सुपर जोन, 31 जोन और 133 सेक्टरों में बांटा गया है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब 9,000-10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। यह कांवड़ यात्रा चल रही चार धाम यात्रा के साथ होगी।
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उत्तराखंड के पड़ोसी राज्यों द्वारा कांवड़ यात्रा के निर्धारित मार्गों को चारधाम यात्रा, मसूरी और देहरादून में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रचारित करने की उम्मीद है। यात्रा से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने एक समन्वय बैठक में मुलाकात कर व्यवस्थाएं तय कीं।